भोपाल: साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर बुधवार को बीजेपी दफ्तर पहुंची और विधिवत बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। पूर्व सीएम शिवराज सिंह, राष्ट्रीय मंत्री रामलाल और वरिष्ठ नेता प्रभात झा के साथ चर्चा के बाद प्रज्ञा सिंह के बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया गया। उनके पार्टी जॉइन करने के साथ ही तय हो गया कि वे ही भोपाल से दिग्विजयसिंह को चुनौती देंगी।
चुनाव लड़ूंगी और जीतूंगी भी..।
बीजेपी का दामन थामने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि वे चुनाव लड़ेंगी और जीतेंगी भी। उनका कहना था कि शिवराज सिंह सहित सभी पार्टी नेताओं का समर्थन उनके साथ है।
दिग्विजय सिंह को मानती हैं दुश्मन नम्बर वन..।
साध्वी प्रज्ञा सिंह दिग्विजय सिंह को दुश्मन नम्बर एक मानती हैं। उनपर हिन्दू आतंकी होने का आरोप दिग्विजय सिंह ने ही लगाया था। हाल ही में एक बड़े अंग्रेजी अखबार के साथ बातचीत में उन्होंने कहा था कि उनकी ज़िंदगी पर दिग्विजय सिंह ने जो दाग लगाए हैं उन्हें वो कभी भूल नहीं सकती। उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए भी दिविजय सिंह जिम्मेदार हैं। वे दुश्मन को हराने के लिए पूरीतरह तैयार हैं।
शिवराज, उमा, तोमर के नाम भी आए थे सामने।
भोपाल से कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में दिग्विजय सिंह का नाम घोषित होने के बाद से ही बीजेपी उलझन में थी। अपने गढ़ की रक्षा करने के लिए वह शिवराज, उमा भारती और नरेंद्र सिंह तोमर के नामों पर गंभीरता से विचार कर रही थी। हालांकि शिवराज और उमा चुनाव लड़ने को लेकर अनिच्छा जता चुके थे, जबकि तोमर भोपाल नहीं आना चाहते थे। ऐसे में संघ के हस्तक्षेप के बाद साध्वी प्रज्ञा का नाम आगे लाया गया और ताबड़तोड़ उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलवाई गई।
मतों का होगा ध्रुवीकरण।
साध्वी प्रज्ञा सिंह हिंदूवादी चेहरा मानी जाती हैं। उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने पर भोपाल का चुनाव रोचक हो जाएगा। इस लोकसभा सीट में 21 लाख वोटर है। इनमें से करीब साढ़े चार लाख मुस्लिम वोटर हैं जो दिग्विजय सिंह के साथ जाना लगभग तय है। ऐसे में साध्वी प्रज्ञा की हिंदूवादी छवि को बीजेपी भुना सकती है। दिग्विजय सिंह के हिन्दू विरोधी होने की धारणा भी उसके लिए मददगार साबित होगी।
9 साल तक रहना पड़ा था जेल में।
साध्वी प्रज्ञा सिंह को 2008 के मालेगाव बम ब्लास्ट में आरोपी बनाया गया था। इसके चलते उन्हें 9 साल जेल में रहना पड़ा था। इसके अलावा 2007 में देवास में हुए सुनील जोशी हत्याकांड का आरोपी भी उन्हें बनाया गया था। दोनों ही मामलों में अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था। अपनी ज़िंदगी पर लगे इस लांछन और जेल में दी गई प्रताड़ना के लिए वो दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराती हैं। भिंड जिले के कछवाह गाँव में जन्मी साध्वी प्रज्ञा एबीवीपी की सक्रिय सदस्य रह चुकी हैं।