कांग्रेस ने मांडू में खुरासानी इमली के पेड़ निजी कंपनी को सौंपने का मामला उठाया।
वन विभाग, धार प्रशासन को भेजा लीगल नोटिस।
इंदौर : कांग्रेस ने मांडू के खुरसानी इमली के पेड़ का मामला उठाते हुए प्रदेश की बीजेपी सरकार पर पर्यावरण को हानि पहुंचाने और आदिवासियों का हक और आजीविका छीनने का आरोप लगाया है।
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक जयेश गुरनानी और संभागीय प्रवक्ता संतोष सिंह गौतम ने प्रेस वार्ता के जरिए बताया कि खुरसानी इमली एक दुर्लभ प्रजाति का पेड़ है। इन्हें धार जिले के आदिवासी भाई-बहनों ने वर्षों से सहेज कर रखा था। अब ये पेड़ भाजपा सरकार व उसके भ्रष्ट अधिकारियों की लालसा और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते जा रहे है। प्रशासन के अधिकारियों ने सारे नियम और कानूनों को ताक पर रख दिया है।आदिवासी भाइयों के भविष्य, मध्यप्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
गुरनानी व गौतम ने कहा कि सत्ता के मद में भाजपा सरकार को बायोलॉजिकल डायवर्सिटी अधिनियम 2002 के प्रावधान तथा उक्त अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए नियम दिखाई नहीं दे रहे हैं। इस अवैध क्षरण से होने वाले दूरगामी दुष्परिणामों की भी उसे चिंता नहीं है।
वन विभाग, प्रशासन को भेजा लीगल नोटिस।
गुरनानी ने बताया कि आदिवासी नेता रेवतीरमण सिंह राजूखेड़ी के माध्यम से मध्यप्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों तथा उक्त अवैधानिक कृत्य करने वाले धार जिले एवं वन विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों को लीगल नोटिस भेजा गया है। मुख्य रूप से यह मांग की गई है कि हैदराबाद के बोटैनिकल गार्डन में भेजे गए खुर्सानी इमली के पेड़ों को धार जिले में पुनः स्थापित किया जाए एवं ग्रीन किंगडम नामक कंपनी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
आदिवासियों की आजीविका पर असर।
कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि बीजेपी के राज में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किए गए इस कृत्य से सीधे तौर पर मध्य प्रदेश के मूल निवासी आदिवासी भाइयों की आजीविका पर बड़ी चोट पड़ी है क्योंकि उक्त खुरसानी इमली के पेड़ों पर ही उनकी आजीविका निर्भर हुआ करती थी परंतु अब शासन द्वारा पेड़ों को ही आदिवासियों से छीन कर हैदराबाद के एक व्यापारी को सुपुर्द कर दिए गए है जिसके कारण आदिवासी भाइयों में बेहद आक्रोश है।