अदालत ने आजीवन कारावास की सजा से किया दंडित।
इंदौर : 18 माह की मासूम बालिका की हत्या करने वाले नराधम पिता को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि दिनांक 08.06.2023 को न्यायालय श्रीमान् राकेश कुमार ठाकुर, पच्चीसवें अपर सत्र न्यायाधीश इंदौर, जिला इंदौर ने थाना बाणगंगा के अपराध क्रमांक 1122/2018 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी आनंद पिता जगदीश गोयल, उम्र 30 वर्ष निवासी इंदौर को धारा 302 भा.दं.सं. के आरोप में दोषसिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास व कुल 5000/- रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक रीमा मोरे द्वारा की गई।
ये था मामला :-
अभियोजन कहानी संक्षेप में यह है कि दिनांक 14.10.2018 को थाना बाणगंगा, इंदौर पर फरियादी करिश्मा ने अपने पिता कालूराम एवं माँ फुलमती के साथ आकर रिपोर्ट लिखाई कि, वह ग्राम नरवल में बल्लू पटेल के मकान में किराये से रहती है, उसका मायका ग्राम बरछा बुजुर्ग में है, उसकी शादी आनंद गोयल के साथ सन् 2015 में हुई थी। शादी के बाद आनंद गोयल से एक बच्ची हुई थी, उसका नाम काजल था। काजल की उम्र 18 महीने थी, उसका पति आनंद गोयल नशा करने का आदि है। जैसे ही उसका पति घर पर आता था, तो कहता था कि उसे बच्ची नहीं लड़का चाहिए, इसी बात को लेकर उसका पति बच्ची काजल के साथ मारपीट करता रहता था। दिनांक 13.10.2018 को उसका पति करीब 09:00 बजे रात को घर पर आया और बच्ची काजल को छीनकर अलग सुला दिया। उसने खाना खाया गरबा देखने चला गया। गरबा देखकर रात 10:30 बजे घर पर आया और सो गया। रात 3 बजे उसकी बच्ची छटपटा रही थी। वह अपनी बच्ची को बचाने गई, तो आनंद ने उसका भी मुँह दबा दिया, आनंद बोला यह बात बताई तो तुझे भी जान से खत्म कर दूंगा। उसकी बच्ची को उसके ससुर जगदीश, सास भागवन्ती बाई, ननद रेखा तथा उसके पति आनंद ने षड्यंत्र रचकर जान से मार डालने की नियत से उसके पति ने कम्बल से उसका मुँह दबाकर हत्या कर दी। जब वह चिल्लाई तो सास, ससुर बच्ची को अरविंदो हॉस्पिटल लेकर गए, जहाँ डॉक्टरों ने उसकी बच्ची को मृत घोषित कर दिया। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना बाणगंगा पर अपराध क्रमांक 1122/18 अंतर्गत धारा 302, 506 भा.दं.वि. की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई एवं संपूर्ण अनुसंधान पश्चात् अभियुक्त के विरुद्ध धारा 302, 506, 120-बी भा.दं.सं. के अंतर्गत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिस पर से अभियुक्त को आजीवन कारावास से दण्डित किया गया।