ब्राह्मण महाकुम्भ में धर्म, संस्कृति और ज्योतिष पर हुआ विचार- मंथन

  
Last Updated:  December 29, 2019 " 07:15 am"

इंदौर : अन्नपूर्णा रोड स्थित नटराज नगर मैदान पर सजाए गए विशाल पांडाल में शनिवार सुबह 21 सौ वेदपाठी ब्राह्मणों के वेदमन्त्रों की गूंज, सामूहिक उपासना और अभिषेक के साथ दो दिवसीय ब्राह्मण महाकुम्भ का आगाज हुआ। परशुराम महासभा की जिला इकाई के बैनर तले आयोजित इस महाकुम्भ में देशभर से आए विप्र बन्धु भाग ले रहे हैं। पहले दिन महाकुम्भ में ब्राह्मण समाज के समक्ष विद्यमान ज्वलंत विषयों पर विचार मंथन किया गया।

धर्म, संस्कृति और ज्योतिष पर हुई सारगर्भित चर्चा।

महाकुम्भ की औपचारिक शुरुआत पंडित शिवचरण जोशी, यज्ञाचार्य पंडित कल्याणदत्त शास्त्री, कुंडाचार्य पंडित भागीरथ शास्त्री व पुरुषोत्तम शास्त्री के सान्निध्य में दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। शुभारम्भ और 21सौ विद्वानों के वेदपाठ, सन्ध्या उपासना और अभिषेक के बाद धर्म, संस्कृति और ज्योतिष जैसे विषयों पर विद्वानों ने अपने विचार रखे। पंडित आनंद शंकर व्यास के मुख्य आतिथ्य में पंडित सुभाष सोहनी, डॉ.विनायक पांडे, विजय अड़ीचवाल, पंडित रामचंद्र शर्मा वैदिक डॉ. कौशल किशोर पांडे और पंडित बालकृष्ण शास्त्री ने इस चर्चा सत्र में भाग लिया।
पंडित आनंद शंकर व्यास ने कहा कि हम पंचांग आधारित तिथियों के बजाय कैलेंडर से काम चला रहे हैं ये दुर्भाग्यपूर्ण है। ओंकारेश्वर से आए पंडित सोहनी ने कहा कि धर्म के माध्यम से नदी, पर्वत और पशु- पक्षियों को पूजने एवम वन संरक्षण हमारी संस्कृति है। यह संस्कृति तभी बचेगी जब संस्कार बचेंगे। डॉ.कौशल किशोर पांडे ने ब्राह्मणों के आर्थिक रूप से सम्पन्न होने पर जोर दिया। उन्होंने मन्दिरों के अधिग्रहण की सरकार की नीति पर ऐतराज जताया। डॉ. विनायक पांडे ने कहा कि ब्राह्मण कहीं भी रहे वह समाज और अपने कार्यक्षेत्र का मार्गदर्शक होता है। पंडित रामचंद्र शर्मा वैदिक ने पंचांगों में तिथियों में भिन्नता और अलग- अलग निष्कर्षों का उल्लेख करते हुए कहा कि जब तक देश के सभी शंकराचार्य इस मामले में एक जगह बैठकर कोई निर्णय नहीं लेंगे, तिथियों की भिन्नता का कोई समाधान नहीं निकलेगा।
पंडित विजय अड़ीचवाल ने पंचांगों में भिन्नता पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से हुई चर्चा का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने पंचांग निर्माताओं से भी हुई चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि शहरों में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में अंतर होने से पंचांगों के निष्कर्षों में अंतर आता है।

महाकुम्भ में आए विद्वानों का सम्मान।

महाकुम्भ में अतिथि के बतौर मौजूद मंत्री जीतू पटवारी ने महाकुम्भ में आए विद्वानों का शॉल- श्रीफल भेंटकर सम्मान किया और उनसे आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि ये उनके लिए खुशी की बात है कि उनके क्षेत्र में ब्राह्मण महाकुम्भ का आयोजन हो रहा है।जब-जब ब्राह्मण आगे आए हैं, समाज में सुधार परिलक्षित हुआ है। पूर्व विधायक अश्विन जोशी, योगेंद्र महंत भी इस दौरान अतिथि के बतौर मौजूद रहे। अतिथियों ने विप्र जगत पत्रिका का लोकार्पण भी किया।

युवाओं को दिया गया रोजगार परक मार्गदर्शन।

पहले दिन के अंतिम सत्र में युवाओं को रोजगार परक मार्गदर्शन दिया गया। यवतमाल से आए उद्योगपति पंडित मालीराम शर्मा, जितेंद्र दवे, विधायक रवि जोशी, शिवनारायण शर्मा, श्यामा त्रिवेदी आदि ने समाज के युवाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही निजी उद्योगों में विद्यमान अवसरों से भी अवगत कराया गया। विषय विशेषज्ञों ने स्वरोजगार के इच्छुक युवाओं को उपयोगी टिप्स भी दिए।
इस सत्र के संयोजक पंडित आशुतोष शर्मा थे।
महाकुम्भ में पधारे सभी अतिथियों और विद्वानों का परशुराम महासभा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा, महाकुम्भ के संयोजक संजय मिश्रा, महामंत्री गोविन्द शर्मा, शैलेन्द्र जोशी, पूनम मिश्रा, मोनिका शर्मा, वर्षा शर्मा, शुभांगी पारुलकर, डॉ. उमा शशि शर्मा आदि ने स्वागत किया।

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