अखिल भारतीय गीता जयंती महोत्सव में जारी है, संत – महात्माओं के प्रवचनों का दौर।
इंदौर : गीता को हम सब कर्मयोग का ही ग्रंथ और पर्याय मानते हैं, लेकिन वास्तव में भगवान ने गीता के माध्यम से हम सबके लिए ज्ञान और भक्ति मार्ग का विस्तार किया है। गीता का मूल भाव और संदेश यही है कि हम गीता को समझने के बाद भगवान के संदेशों-उपदेशों का पालन करें, क्योंकि भगवान ने गीता में बिना किसी दुराव-छुपाव के सारी बातें कही है। अर्जुन भले ही कुरुक्षेत्र के मैदान में निमित्त रहा हो, गीता का संदेश हम सबके लिए हैं। भगवान के प्रति अनन्य भक्ति और शरणागति का भाव होना चाहिए। भगवान को सोने-चांदी के आभूषण या रत्न मंडित वस्त्रों से नहीं, दीनता के भाव से प्रसन्नता मिलेगी। भक्ति से अलंकृत ज्ञान ही शोभायमान होगा। भगवान गीता के माध्यम से भक्ति का आश्रय करने वालों को यहां-वहां गिरने-पड़ने से बचाते हैं।
ये दिव्य विचार सूरत से पधारे जगदगुरू वल्लभाचार्य गोस्वामी वल्लभ राय महाराज ने मंगलवार को गीता भवन में चल रहे 65वें अ.भा. गीता जयंती महोत्सव की धर्मसभा में अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज की अध्यक्षता में व्यक्त किए।
वैदिक मंगलाचरण के बीच गीता भवन ट्रस्ट की ओर से राम ऐरन, रामविलास राठी, मनोहर बाहेती, महेशचंद्र शास्त्री, प्रेमचंद गोयल, दिनेश मित्तल, हरीश माहेश्वरी, सत्संग समिति के जे.पी. फड़िया, रामकिशोर राठी, अरविंद नागपाल, सुभाष झंवर, प्रदीप अग्रवाल आदि ने उनका स्वागत किया। संयोगवश आज (मंगलवार) जगदगुरू वल्लभाचार्य के जन्मदिन के उपलक्ष्य में जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज ने उनका अभिनंदन किया। वल्लभाचार्यजी का जन्म गीता जयंती के दिन ही हुआ है और उनकी जन्मभूमि भी इंदौर ही है। हजारों भक्तों ने करतल ध्वनि से इस दौरान खुशियां व्यक्त की। इसके पूर्व सत्संग सत्र का शुभारंभ डाकोर के स्वामी देवकीनंदन दास एवं उज्जैन के स्वामी परमानंद महाराज के प्रवचनों से हुआ। गोंडा (उप्र) से आए पं. प्रहलाद मिश्र रामायणी, हरिद्वार के श्रवण मुनि, उदयपुर के माणकराम महाराज, गोराकुंड रामद्वारा के संत अमृतराम रामस्नेही ने भी गीता, भागवत एवं मानस पर अपने प्रभावी प्रवचन दिए। मंच का संचालन स्वामी देवकीनंदन दास ने किया। अध्यक्षीय उदबोधन के साथ आज के सत्संग सत्र का समापन हुआ।
हजारों भक्तों ने ली धर्मांतरण को रोकने में सहयोग की शपथ।
गीता जयंती महोत्सव में प्रतिदिन सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों पर मार्गदर्शन एवं गीता भवन में मौजूद भक्तों को संकल्प दिलाने की श्रृंखला में 06 दिसंबर को जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज ने हजारों भक्तों को धर्मांतरण को रोकने की दिशा में हर संभव सहयोग करने की शपथ दिलाई।
गीता भवन में बुधवार के कार्यक्रम।
गीता भवन में चल रहे 65वें अ.भा. गीता जयंती महोत्सव में बुधवार 7 दिसम्बर को राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज शाम 4 बजे आएंगे। गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन, रामविलास राठी एवं मनोहर बाहेती ने बताया कि स्वामी गोविंददेव गिरि गीता जयंती महोत्सव के लिए विशेष रूप से आ रहे हैं। वे सायं 4 से 5 बजे तक गीता जयंती महोत्सव की धर्मसभा को संबोधित करेंगे।इसके पूर्व दोपहर 1 बजे डाकोर से आए स्वामी देवकीनंदन दास, 1.15 बजे वाराणसी से आए पं.रामेश्वर त्रिपाठी, 1.45 बजे नेमिषारण्य के स्वामी पुरुषोत्तमानंद, 2.15 बजे भदोही के पं.सुरेश शरण, 2.45 बजे उज्जैन के स्वामी असंगानंद, 3.15 बजे गोधरा से आई साध्वी परमानंदा सरस्वती एवं 4 बजे से स्वामी गोविंददेव गिरि के प्रवचनों की अमृत वर्षा होगी। सायं 5 बजे अध्यक्षीय उदबोधन के साथ सत्संग सत्र का समापन होगा।