इंदौर : अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस पर राज्य आनंद संस्थान इंदौर द्वारा परिवार पर शहरीकरण का बढ़ता प्रभाव और परिवार व आधुनिक तकनीक पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
परिवार को नियंत्रित नहीं प्रेरित करे।
संगोष्ठी में प्रमुख वक्ता के रूप में मौजूद मनोचिकित्सक डॉक्टर आनंद गौड़ ने कहा परिवार वह व्यवस्था है जहां मनुष्य जीवन जीने की कला सीखता है। परिवार में समन्वय बिठाने के लिए मुखिया को चाहिए कि वह परिवार को नियंत्रित करने के बजाय प्रेरित करने का प्रयास करें। क्योंकि परिवार ही भावनात्मक जख्मों को भरने का मरहम है। गूगल से आप केवल इंफॉर्मेशन हासिल कर सकते हैं लेकिन अनुभव हासिल करने के लिए परिवार से जुड़ाव आवश्यक है।
पारिवारिक फोटो सोशल मीडिया पर न डालें।
दूसरे वक्ता के रूप में साइबर क्राइम एक्सपर्ट शकील अंजुम ने कहा परिवार में सभी लोग एक दूसरे से जुड़े हैं। यदि किसी पर कोई समस्या आती है तो पूरा परिवार प्रभावित होता है। वर्तमान सोशल मीडिया और संचार क्रांति के युग में सोशल मीडिया क्राइम के शिकार खासकर महिलाएं और बुजुर्ग हो रहे हैं। साइबर ठगी के माध्यम से आर्थिक नुकसान तो होता ही है, साथ ही घरवालों द्वारा ग्रसित व्यक्ति पर दोषारोपण और आर्थिक नुकसान की वजह से भावनाएं भी आहत होती है। इस धोखेबाजी से बचने के लिए पारिवारिक फोटो सोशल मीडिया पर ना डालें, अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट रिसीव ना करें, किसी प्रकार का ओटीपी शेयर ना करें, मजबूरी बताकर पैसा मांगने वालों का पहले सत्यापन करें, महंगे गिफ्ट ओर लॉटरी के बहकावे में ना आए।
वर्तमान समय में सोशल मीडिया जीवन की जरूरतों में शामिल हो चुका है। जीवंत संपर्क स्थापित करने का सस्ता और सुलभ माध्यम है। अतः इसका सावधानी से उपयोग करें ताकि परेशानी से बचा जा सके।
श्रीमती वंदना पालीवाल ने अपने परिवार से जुड़े प्रेरणादाई संस्मरण साझा किए। दिनेश चौधरी, अनिल चौरे, सोनू कुमार, रोहित कुमावत, निशा ने गीत गाकर अपने विचार रखें। कार्यक्रम का आयोजन राज्य आनंद संस्थान के जिला संपर्क प्रमुख विजय मेवाड़ा के समन्वय से हुआ। कार्यक्रम का संचालन प्रोफ़ेसर विवेक तिवारी ने किया प्रतिभागियों का आभार आनंदम सहयोगी निर्लेश तिवारी ने माना।