रविवार, 07 जुलाई को श्री विद्याधाम से निकलेगी इस्कॉन की ये रथयात्रा।
वृंदावन से आए फूलों और परिधानों से हो रही रथ की सजावट।
मार्ग में 50 से अधिक मंचों से होगी पुष्प वर्षा ।
इंदौर : दुनिया के 200 से अधिक देशों में निकलने वाली इस्कॉन की परंपरागत जगन्नाथ रथयात्रा इंदौर में भी रविवार, 7 जुलाई को दोपहर 2 बजे से विमानतल मार्ग स्थित श्री विद्याधाम मंदिर से पूरे लाव- लश्कर के साथ निकलेगी। यात्रा के लिए 51 फीट ऊंचे हाईड्रोलिक रथ की साज-सज्जा का काम जारी है। वृंदावन से आए विभिन्न किस्म के फूलों से रथ को सजाया जा रहा है। रथ यात्रा मार्ग साफ करने के लिए स्वर्ण झाडुओं का उपयोग किया जाएगा। देश-विदेश के अनेक संत और श्रद्धालु हरे रामा, हरे कृष्णा और भगवान जगन्नाथ के जयघोष करते हुए रथयात्रा में शामिल होंगे।
इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास प्रभु, रथयात्रा प्रभारी हरि अग्रवाल, संयोजक किशोर गोयल एवं शैलेन्द्र मित्तल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि रथायात्रा के पूर्व इस्कॉन के निपानिया स्थित मंदिर से भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के विग्रह तीन विशिष्ट वाहनों से विद्याधाम मंदिर लाकर रथ में विराजित किए जाएंगे। इस अवसर पर राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, वरिष्ठ समाजसेवी विनोद अग्रवाल एवं शहर के अन्य जन प्रतिनिधि अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। शहर के विभिन्न समाजों के अध्यक्ष एवं अन्य वरिष्ठजन भी इस यात्रा में शामिल होंगे।दर्शनार्थियों के लिए सूखे मेवे, केले एवं नुक्ती प्रसाद के वितरण की व्यवस्था पूरे समय चलेगी।
कई मंचों से होगा रथयात्रा का स्वागत।
मार्ग में करीब 50 स्थानों पर मंच लगाकर रथयात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया जाएगा। कहीं प्रसाद वितरण और कहीं फलों का वितरण भी किया जाएगा। अनेक व्यापारी संगठन एवं विभिन्न समाजों ने भी अपने स्वागत मंच लगाने का संकल्प व्यक्त किया है।
यात्रा में घोड़े, बग्घी, बैंड-बाजे, कीर्तन एवं गरबा मंडलियों के साथ दो मिनी रथ भी मुख्य रथ के साथ शामिल रहेंगे। इनमें एक रथ में इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद, दूसरे रथ पर गौरनिताय एवं मुख्य रथ पर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा एवं भाई बलभद्र विराजित होकर भक्तों को दर्शन देने पूरे लाव-लश्कर के साथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
श्री विद्याधाम मंदिर से प्रारंभ होकर यह रथयात्रा बड़ा गणपति, टोरी कार्नर, गोराकुंड, खजूरी बाजार, राजबाड़ा होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेगी, जहां भगवान के गुणगान की कथा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मनोहारी आयोजन किया जाएगा। राधा-कृष्ण की झांकियां भी सजाई जाएंगी। यह पहला अवसर है जब रथयात्रा विमानतल मार्ग स्थित मंदिर से निकाली जा रही है। इसका उद्देश्य यही है कि इस क्षेत्र के लोग भी भगवान जगन्नाथ और अन्य देवताओं के दर्शनों का पुण्य लाभ उठा सकें।