समावेशी और उद्देश्य परक संस्कृति को दें बढ़ावा : बीएस नागेश ।
नवाचार के लिए बनाएं अनुकूल वातावरण: डॉ. डेविश जैन।
वैश्विक शांति और विकास में भारत का अहम योगदान : सिद्धार्थ राजहंस।
प्रेस्टीज प्रबंध संस्थान द्वारा `चेंजिंग बिजनेस पैराडाइम्स’ पर दो-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस की शुरुआत।
इंदौर: किसी राष्ट्र का विकास उसकी प्रतिभा की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। अर्थव्यवस्था के मामले में 20 साल पहले और अब की दुनिया में बहुत अंतर् आ चूका है। यह बात एमबीके होल्डिंग्स, कतर के चेयरमेन तथा कतर शाही परिवार के सदस्य शेख मंसूर बिन खलीफा अल-थानी ने शुक्रवार को
प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च द्वारा आयोजित `चेंजिंग बिजनेस पैराडाइम्स: ट्रेंड्स इन इनोवेशन, गवर्नेंस एंड सस्टेनेबिलिटी’ विषय पर दो दिवसीय 19वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही। भारत के भविष्य को उज्ज्वल बताते हुए शेख मंसूर ने देश की प्रचुर प्रतिभा और वैश्विक नेता के रूप में उभरने की क्षमता की प्रशंसा की। राष्ट्रीय विकास में प्रतिभा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण विकास हुआ है ।
उन्होंने जन-केंद्रित अर्थव्यवस्था के मॉडल पर प्रकाश डाला और समृद्धि की दिशा में भारत के प्रक्षेप पथ की सराहना की।
पीआईएमआर बिजनेस एक्सीलेंस अवॉर्ड से नवाजे गए शेख मंसूर।
इस मौके पर नवाचार, प्रौद्योगिकी और स्थिरता में शेख मंसूर अल थानी के उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें प्रतिष्ठित पीआईएमआर बिजनेस एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया।
समावेशी और उद्देश्य परक संस्कृति को दें बढ़ावा।
TRRAIN के संस्थापक तथा शॉपर्स स्टॉप लिमिटेड के चेयरमेन बीएस नागेश ने अपने विचार रखते हुए नवाचार, शासन और स्थिरता के बीच समन्वय पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये सिद्धांत संगठनों के भीतर उत्पन्न होते हैं और व्यापक समुदाय तक विस्तारित होते हैं। उन्होंने समावेशी और उद्देश्य परक संस्कृति को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया, जहां प्रत्येक व्यक्ति की आवाज को महत्व दिया जाता है। इस अवसर पर श्री नागेश को प्रतिष्ठित लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
नवाचार के लिए बनाएं अनुकूल वातावरण।
प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमेन तथा प्रेस्टीज यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. डेविश जैन ने आर्थिक समृद्धि और सामाजिक कल्याण को आगे बढ़ाने में नवाचार की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने नवाचार के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने और सभी हितधारकों के लिए मूल्य को अधिकतम करने के लिए मजबूत साझेदारी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
संयुक्त राष्ट्र में प्रधान नीति सलाहकार सिद्धार्थ राजहंस ने विश्व मंच पर, विशेष रूप से जी- 20 ढांचे के भीतर, भारत की उभरती भूमिका के बारे में अपनी बात रखी। उन्होंने भारत के विचार, नेतृत्व, तकनीकि प्रगति, वैश्विक शांति और विकास में योगदान को रेखांकित किया। राजहंस ने छात्रों को ‘भारतीय सपने’ को अपनाने के लिए बनाएं प्रोत्साहित किया और अंतरिक्ष कूटनीति व तकनीकि नवाचार में भारत के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया।
समृद्ध भविष्य के लिए संतुलित दृष्टिकोण जरूरी।
पंजाब नेशनल बैंक के सर्कल प्रमुख सिद्धार्थ अधिकारी ने पिछले कुछ दशकों में भारत की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने समृद्ध भविष्य के लिए नवाचार,प्रशासन व स्थिरता को एकीकृत करने वाले संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के वाइस चेयरमेन डिपिन जैन ने भी बदलते व्यावसायिक प्रतिमानों पर प्रकाश डाला।
समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर।
सम्मेलन में शेख मंसूर बिन खलीफा अल-थानी और डॉ. डेविश जैन के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इससे एमबीके होल्डिंग्स और प्रेस्टीज ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज एंड इंस्टीट्यूशंस के बीच व्यापार और अकादमिक सहयोग का आदान – प्रदान हो सकेगा। इसके अतिरिक्त, डॉ. डेविश जैन ने अपनी नवीनतम पुस्तक, ‘गोल्डन इनसाइट्स: एंटरप्राइजिंग लाइफ’ का अनावरण भी किया।
इससे पहले, कांफ्रेंस चेयर डॉ. राजा रॉय चौधरी ने मेहमानों का स्वागत करते हुए नवाचार, शासन और स्थिरता के महत्व पर प्रकाश डाला।
उद्घाटन समारोह में पीईएफ के निदेशक हिमांशु जैन व केतन जैन, सम्मेलन के को चेयर डॉ. देबाशीश मलिक और कर्नल एस. रमन अय्यर के साथ प्रेस्टीज शिक्षण समूह से संबद्ध विभिन्न प्रबंधन और इंजीनियरिंग संस्थानों के निदेशक, फैकल्टीज तथा छात्र छात्राएं उपस्थित थे।