इंदौर : महाराष्ट्रियन स्वाद, संस्कृति और शॉपिंग की सौगात ‘तरुण जत्रा’ का समापन देशभक्ति गीतों, संगीतमय नाट्य प्रस्तुतियों और भारत माता की आरती के साथ हुआ। अंतिम दिन समूचा जत्रा परिसर देशभक्ति के रंग में रंगा नजर आया।
दशहरा मैदान पर तीन दिवसीय ‘तरुण जत्रा’ का आयोजन हीरक जयंती रहवासी संघ, महाराष्ट्र समाज राजेन्द्र नगर और तरुण मंच सहित 35 से अधिक संगठनों ने मिलकर किया था। जत्रा तीनों दिन अलग- अलग रंग लिए हुए थी। पहला दिन वासन्ती रंग में रंगा हुआ था तो दूसरा दिन महाराष्ट्र की लोककला ‘लावणी’ की मस्ती से समूचा जत्रा परिसर सराबोर रहा वहीं तीसरे और अंतिम दिन गणतन्त्र दिवस पर देशभक्ति का सुरूर छाया रहा।
पुलवामा पर केंद्रित प्रस्तुति ने जीता दिल।
तरुण जत्रा में आखरी दिन स्कूली बच्चों के विभिन्न समूहों ने देशभक्ति से सराबोर प्रस्तुतियां देकर दर्शकों में जोश भर दिया लेकिन उड़ी व पुलवामा अटैक से लेकर कश्मीर से धारा 370 व 35ए को हटाने तक के घटनाक्रम पर केंद्रित नाट्य प्रस्तुति ने सबका दिल जीत लिया। लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाते हुए कलाकारों का उत्साह वर्धन किया। इसके अलावा ख्यात गायक विजय चौहान ने देशप्रेम का जज्बा जगाते गीत पेश कर समां बांध दिया। अंत में 1001दीपों के साथ की गई भारत माता की आरती ने अलौकिक नजारा पेश कर दिया। जत्रा में आए तमाम लोगों ने आरती में भाग लेकर भारत माता का वन्दन किया।
व्यंजन, मनोरंजन और शॉपिंग का उठाया लुत्फ।
आखरी दिन तरुण जत्रा में भारी भीड़ उमड़ी। हजारों लोग परिवार सहित जत्रा में पहुंचे और खरीददारी के साथ लजीज मराठी व्यंजनों का जमकर लुत्फ उठाया। बच्चों के लिए खासतौर से बनाए गए किड्स जोन में झूले, चकरी, बैलून और मनोरंजन के अन्य साधन जुटाए गए थे। बच्चों के साथ बड़ों ने भी झूले में बैठकर बचपन की यादों को ताजा किया।
निःशुल्क दिखाई गई लघु फिल्में।
जत्रा परिसर में अस्थायी सिनेमा हॉल का भी निर्माण किया गया था। यहां लोगों के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज, स्वामी विवेकानंद सहित कई महापुरुषों के जीवन पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
तिरंगे पहनावे में मुस्तैद रहे वालेंटियर्स।
तरुण जत्रा में तीनों दिन युवा, बुजुर्ग और महिला वालेंटियर्स ने मुस्तैदी के साथ व्यवस्था संभाल रखी थी। उनकी वेशभूषा भी प्रतिदिन की थीम के अनुसार रखी गई थी। गणतंत्र दिवस पर सभी वालेंटियर्स तिरंगे रंग में नजर आए। वे सिर पर तिरंगा साफा बांधे आकर्षण का केंद्र बने रहे।
तरुण जत्रा में तीनों दिन कई विशिष्टजनों ने भी शिरकत कर इस स्तरीय आयोजन की सराहना की। कुल मिलाकर 15 वे साल में तरुण जत्रा स्वाद, संस्कृति और सफलता के नए आयाम स्थापित करने में कामयाब रही।