भैय्यू महाराज खुदकुशी मामले में अदालत ने आरोपी पलक, विनायक और शरद को सुनाई 6-6 वर्ष की सजा

  
Last Updated:  January 28, 2022 " 03:36 pm"

इंदौर : संत श्री उदयसिंह देशमुख उर्फ भय्यु महाराज खुदकुशी मामले में अदालत ने फैसला सुना दिया है। भैय्यू महाराज को खुदकुशी के लिए दुष्प्रेरित करने वाले आरोपियों को को 06-06 वर्ष के कठोर कारावास से दंडित किया गया है।

जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि श्रीमान धर्मेन्द्र सोनी , 28वें अतिरिक्त सत्र न्याायाधीश, जिला इंदौर के न्यायालय ने थाना तेजाजी नगर जिला इंदौर के सत्र प्रकरण क्रमांक 254/2019, में निर्णय पारित करते हुए आरोपी 1) विनायक पिता काशीनाथ दुधाले उम्र 42 वर्ष 2) पलक पिता गोपाल पौराणिक उम्र 25 वर्ष और 3) शरद पिता बसंतराव देशमुख उम्र 34 वर्ष को दोषी पाते हुए धारा 306 सहपठित धारा 120बी भादवि में 06 – 06 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 384, सहपठित धारा 120 बी में 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है। उनपर 500-500 रूपए का अर्थदण्ड भी लगाया गया है। शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक गजराज सिंह सोलंकी द्वारा की गई ।

ये था पूरा मामला।

दिनांक 12/06/2018 को बॉम्बे हॉस्पिटल इंदौर से डॉक्टर सुधांशु दुबे ने सूचना दी कि मृतक उदय सिंह देशमुख को विनायक दुधाले लेकर आया है जिसे डॉक्टर द्वारा मृत घोषित किया गया। सूचना के आधार पर आरक्षी केन्द्र तेजाजी नगर में मर्ग क्रमांक 27/18 धारा 174 द.प्र.सं. दर्ज कर जॉच प्रारम्भ की गई । जॉच के दौरान मृतक का पीएम कराया गया जिसमें फायर आर्म्स के कारण आई चोट से मृत्यु होना पाया गया। घटनास्थाल का मौका मुआयना कर नक्शा बनाया गया व मृतक के कमरे का ताला खोला गया। सभी आवश्य्क वस्तुऍ घटनास्थल से जब्त की गई । मौके से कुछ डायरियॉ , मोबाइल, लेपटॉप आदि जब्त किए गए।इसी के साथ साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए। जांच में पाया गया कि मृतक का विवाह 30/04/2017 को आयुषी के साथ हुआ था । शादी के दिन से ही आरोपिया पलक द्वारा मृतक पर शादी न करने का दबाव बनाया जा रहा था। इसी बात को लेकर रूपयों की मांग तथा अन्य खर्चे मृतक से कराए जा रहे थे । आरोपिया पलक द्वारा खुद से मृतक की शादी की दिनांक 16/06/2018 को निर्धारित कर आरोपी विनायक एवं शरद, जो कि मृतक के सेवादार थे, के माध्यम से लगातार बदनाम करने की धमकी देकर मानसिक रूप से प्रताडित किया जा रहा था । मृतक को अतिरिक्त नींद की दवाइयां देकर भी मानसिक रूप से प्रताडित करने का प्रयास किया गया। अभियुक्तगण के दुष्प्रचार के चलते मृतक द्वारा लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली गई । जॉच के आधार पर अभियुक्तगण के विरूद्ध अपराध क्र. 28/19 धारा 306, 384 तथा 120 बी भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
सम्पूर्ण विवेचना उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया । जिस पर से आरोपीगण को उक्त सजा सुनाई गई ।

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