इंदौर : करीब 20 साल बाद दिगम्बर जैन संत आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज का रविवार को इंदौर में मंगल प्रवेश हुआ। वाद्ययंत्रों की मंगल ध्वनि और भजनों की गूंज के बीच दिगम्बर जैन समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी और हजारों श्रद्धालु उनकी अगवानी के लिए बायपास स्थित बिजलिया फार्म पर मौजूद थे।
प्रदेश सरकार की ओर से मंत्रियों ने की अगवानी।
बायपास स्थित बड़जात्या फार्म्स से विहार करते हुए दोपहर करीब 2 बजे आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज 31 सदस्यीय संघ के साथ बिजलिया फार्म्स पहुंचे। यहां दिगम्बर जैन समाज के पदाधिकारियों के साथ प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, तुलसी सिलावट, बाला बच्चन, विजयालक्ष्मी साधौ, जीतू पटवारी और विधायक संजय शुक्ला ने उनकी अगवानी की। यहां से प्रारम्भ हुए आचार्यश्री के मंगल जुलूस में भी सभी मन्त्रीगण शामिल हुए।
श्रद्धालुओं में दर्शन की मची होड़।
ब्रह्मचारी सुनील भैया, मंगल जुलूस के संयोजक विनय बाकलीवाल, दयोदय ट्रस्ट के महामन्त्री संजय मैक्स और दिगम्बर जैन समाज के युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राहुल सेठी ने बताया कि आचार्यश्री के स्वागत में बिगुल के साथ शंखध्वनि की गई। बैंडबाजे और शहनाई की मधुर धुन के साथ मंगल जुलूस आगे बढ़ा। आचार्यश्री के स्वागत में तीन द्वार सम्यक दर्शन, ज्ञान, चारित्र बनाए गए थे।150 मुकमाटी के कलशों से द्वारचार किया गया। पांडुक शिला ध्वज यात्रा के साथ गुरुदेव नमोस्तु कार्यक्रम जगह- जगह किया गया। हर 200-300 मीटर की दूरी पर महिला मंडल गुरु का गुणगान कर रहे थे। 108 बालकों ने आचार्यश्री के समक्ष साष्टांग दंडवत भी किया। हजारों श्रद्धालु जुलूस में निर्धारित ड्रेस कोड के साथ चल रहे थे। गुरुदेव का दर्शनलाभ लेने और उनका आशीर्वाद पाने की जैसे होड़ मची हुई थी।
राजस्थान के अजमेर से लाया गया स्वर्ण रथ भी मंगल जुलूस की शोभा बढ़ा रहा था। रथ में श्रीजी को विराजित किया गया था। मंगल प्रवेश जुलूस स्कीम नम्बर 140 से होते हुए कनाड़िया रोड पर उदयनगर स्थित दिगम्बर जैन मंदिर पहुंचकर समाप्त हुआ।
प्रतिभा स्थल के काम में जुड़े युवा।
मंगल प्रवेश के बाद प्रवचनों के जरिये श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए आचार्यश्री ने इंदौर के जैन समाज की सराहना की। उन्होंने कहा कि यहां के समाजजन हर काम में रुचि लेते हैं। आचार्यश्री ने कहा कि उनका आशीर्वाद सभी को मिल रहा है। उन्होंने समाज के युवाओं से आग्रह किया कि वे प्रतिभा स्थली के काम से खुद को जोड़ें।
आचार्यश्री के आगे के कार्यक्रम की कोई अधिकृत जानकारी तो नहीं दी गई है पर समाज के सूत्रों की माने तो वे सांवेर रोड स्थित प्रतिभा स्थली पर भव्य जिनालय की आधारशिला रख सकते हैं। फिलहाल वहां गौशाला और ज्ञानोदय विद्यापीठ के नाम से स्कूल का संचालन किया जा रहा है।