इंदौर : मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में ‘मैग्नीफिसेंट एमपी’ के आयोजन के पहले प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर जमकर निशाना साधा हालांकि उन्होंने इंवेस्टर समिट की आलोचना नही की लेकिन बातों ही बातों में कांग्रेस के मंत्रियों और सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कमलनाथ सरकार को प्रदेश के इतिहास की सबसे भ्रष्ट सरकार बताया।
पीडब्ल्यूडी मंत्री वर्मा पर किया पलटवार ।
शिवराज ने पीडब्ल्यूडी मंत्री वर्मा द्वारा प्रदेश की सड़कों की तुलना बीजेपी सांसद हेमा मालिनी और बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के गालो से करने पर पलटवार किया और कहा कि ये इनकी गम्भीरता है..! ये कमलनाथ सरकार के मंत्री हैं..जो सड़को की तुलना किसी के गालों से करते है। इसी से सिद्ध होता है कि कांग्रेसियो की मानसिकता क्या है।
मंत्री बैठकर तय कर लें तबादलों के रेट ।
पूर्व सीएम शिवराज ने तबादला उद्योग को लेकर कमलनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि एक मंत्री कहता है ट्रांसफर के रेट इतने है, दूसरा कहता है इतने नहीं इतने हैं। इससे बेहतर है कि मंत्रियों को ट्रांसफर के रेट बैठकर तय कर लेना चाहिए। शिवराज ने कहा कि अब तो हालत यह हो गई है की यह इतिहास की भ्रष्टतम सरकार हो गई है जो मध्यप्रदेश को चील और कौओ की तरह नोंच नोंच कर खा रही है।
सीएम बनना होता तो तभी जोड़तोड़ कर लेता।
झाबुआ उपचुनाव के बाद उनके फिर मुख्यमंत्री बनने सम्बन्धी नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बयान पर शिवराज का कहना था कि मैंने पहले ही कह दिया है कि मुझे किसी पद की आकांक्षा नही है। अगर सीएम बनना होता तो तभी जोड़ तोड़ कर बन सकता था पर ऐसा नहीं किया क्योंकि मैं नैतिक व्यक्ति हूँ। जहां तक गोपाल भार्गव के कहने का सवाल है, उनकी कोई गलती नही है। जनता के बीच में जनभावना देखकर बोला जाता है। युवा सम्मेलन में बच्चे मामा मामा चिल्ला रहे थे। उन्होंने पूछ लिया कि मुख्यमंत्री बनाना चाहते हो तो भार्गव ने कह दिया कि बन जाएंगे इसमें नेता की क्या गलती है। शिवराज ने ये भी कहा कि ये कोई पहली बार नही है ये तो लोकसभा चुनाव के पहले भी लोग कहते थे। जहां तक मेरा सवाल है मै सब पदों से ऊपर हूँ किसी पद की आकांक्षा नही है। मेरा एक ही पद है जनता के दिल मे रहना और मध्यप्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता की सेवा करना।
‘मैग्नीफिसेंट एमपी’ का विरोध नहीं।
इंदौर में आयोजित होने जा रही ‘मैग्नीफिसेंट एमपी’ समिट पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि वे ऐसा नेता नही हैं जो इन्वेस्टर समिट के समय मध्यप्रदेश की आलोचना करें । वे उद्योगपतियों से निवेदन करता हैं कि वो आये और मध्यप्रदेश में निवेश करें और यहाँ रोजगार के अवसर पैदा करें।