इंदौर : मप्र में बीजेपी कमलनाथ सरकार पर किसानों, युवाओं और आम लोगों के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाकर 4 नवम्बर को प्रदर्शन करने जा रही है। वहीं कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वह पूरे प्रदेश में प्रेस वार्ताओं के जरिये मोदी सरकार पर मप्र के साथ भेदभाव का आरोप लगा रही है।
रविवार को इंदौर प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर कांग्रेस की प्रदेश मीडिया प्रभारी शोभा ओझा ने मोदी सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। श्रीमती ओझा का कहना था कि इस बार अतिवृष्टि के कारण प्रदेश में किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। सीएम कमलनाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें फसलों की नुकसानी के चलते आपदाग्रस्त किसानों को राहत प्रदान करने के लिए 6621 करोड़ रुपयों की सहायता राशि देने की मांग की थी पर केंद्र सरकार ने अभी तक एक रुपये की मदद भी मप्र को नहीं की है। जबकि बीजेपी शासित कर्नाटक व बिहार जैसे राज्यों को तत्काल राहत राशि दे दी गई। ऐसा करके केंद्र की मोदी सरकार कांग्रेस शासित राज्यों, खासकर मप्र के साथ भेदभाव कर रही है। ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
बीजेपी के सांसद, विधायक क्यों हैं खामोश..?
कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री शोभा ओझा ने मप्र के बीजेपी सांसद और विधायकों को भी आड़े हाथों लेते हुए उनपर प्रदेश के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया। श्रीमती ओझा का कहना था कि मप्र से बीजेपी के 28 सांसद और 108 विधायक हैं। यूँ तो वे किसानों को लेकर घड़ियाली आंसू बहाते रहते हैं पर केंद्र सरकार से आपदा राहत राशि लाने के लिए उन्होंने कोई प्रयास नहीं किये। उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे में राज्यों को आपदा राहत राशि मुहैया कराना केंद्र सरकार का दायित्व होता है पर बीजेपी शासित केंद्र सरकार इसका पालन नहीं कर रही है।