दुकान पर बैठकर शराब पीना भी होगा प्रतिबंधित।
धार्मिक व शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर की परिधि में नहीं खुल सकेगी शराब दुकान।
शिवराज कैबिनेट ने दी नई शराब नीति को मंजूरी।
उमा भारती का दबाव आया काम।
भोपाल : मप्र की नई शराब नीति को सीएम शिवराज की अध्यक्षता में रविवार को संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि बैठक में मप्र में शराब को हतोत्साहित करने के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं।
एक अप्रैल से बंद होंगे अहाते।
गृहमंत्री मिश्रा ने बताया कि नई शराब नीति के तहत आगामी एक अप्रैल से मप्र में शराब के अहाते बंद कर दिए जाएंगे। शराब दुकानों पर बैठकर शराब पीना भी प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा धार्मिक व शैक्षणिक संस्थानों की सौ मीटर की परिधि में शराब दुकान नहीं खोली जा सकेगी। गृहमंत्री मिश्रा ने बताया कि मप्र में वर्ष 2010 के बाद एक भी नई शराब दुकान नहीं खोली गई है।
उमा भारती का दबाव आया काम।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराब दुकानों के अहाते बंद कराने को लेकर लंबे समय से शिवराज सरकार पर दबाव बनाए हुए थी। उन्होंने अहतों के खिलाफ आंदोलन करते हुए शराब दुकानों पर पत्थर व गोबर फेंकने के साथ शराब की दुकान पर गाय भी बांध दी थी। बताया जाता है कि उमा भारती की इस मुहिम को संघ का भी समर्थन था। हाल ही में सीएम शिवराज संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलने गए थे। सूत्रों के मुताबिक चर्चा के दौरान संघ प्रमुख ने भी उमा भारती की मांग से सहमति जताते हुए सीएम शिवराज को मप्र में शराब को हतोत्साहित करने की सलाह दी थी। समझा जाता है कि इसी के बाद सीएम शिवराज ने रविवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई और नई शराब नीति को हरी झंडी दे दी।
सरकार को होगा राजस्व का नुकसान।
बताया जाता है कि शराब, मप्र सरकार की आय का बड़ा स्रोत है। अहाते बंद किए जाने से उसे हजारों करोड़ का नुकसान हो सकता है। इसकी पूर्ति सरकार कैसे करेगी, इसका फिलहाल खुलासा नहीं हो सका है।