बाबा महाकाल बनेंगे दूल्हा, नौ दिन नव श्रृंगार में भक्तों का मोहेंगे मन।
उज्जैन : विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में हर साल की तरह इस वर्ष भी फाल्गुन कृष्ण पंचमी यानी 10 से 18 फरवरी 2023 तक शिवनवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। इसकी शुरुआत 10 फरवरी होगी और 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर इसका समापन होगा। इस दौरान भगवान महाकाल दूल्हा बनेंगे और नौ दिन अलग – अलग श्रृंगार में भक्तों का मन मोहेंगे।
शिव नवरात्रि और महाशिवरात्रि को लेकर मंदिर में विशेष तैयारियां की जा रही हैं। रविवार को मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर साफ सफाई, रंगरोगन तथा श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर किए जाने वाले इंतजामों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की पूजन परंपरा के अनुसार 10 फरवरी को शिव नवरात्रि के पहले दिन शिवपंचमी का पूजन होगा। सर्वप्रथम कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित श्री कोटेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना कर हल्दी चढ़ाई जाएगी। इसके बाद गर्भगृह में भगवान महाकाल की पूजा होगी। पुजारी भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक कर पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद 11 ब्राह्मणों द्वारा रुद्रपाठ किया जाएगा। दोपहर एक बजे भोग आरती होगी। दोपहर तीन बजे संध्या पूजा के बाद भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। नौ दिन तक पूजन का यही क्रम चलता रहेगा। नौ दिन बाबा महाकाल अलग – अलग स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे।
महाशिवरात्रि पर 18 फरवरी को मंदिर प्रबंध समिति ने 250 रुपये की शीघ्र दर्शन व्यवस्था बंद रखने का निर्णय लिया है। स्थानीय के साथ ही देश-विदेश से आने वाले भक्तों को केवल समान्य दर्शन कराए जाएंगे। चारधाम मंदिर से त्रिवेणी संग्रहालय के रास्ते श्री महाकाल महालोक होते हुए भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।