गांव, गरीब और किसान को बजट में दी गई है प्राथमिकता

  
Last Updated:  February 2, 2020 " 02:27 pm"

*गोविंद मालू*

इंदौर : मंदी के दौर में तेजी लाने वाला,करों की कठोरता को निर्मलता, सरलता देने वाला बजट, नए प्रावधानों , शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, आधारभूत संरचना में 100 लाख करोड़ निवेश घोषणा, आयकर में छूट से क्रय शक्ति बढ़ेगी तो माँग पैदा होगी जिससे बाजार गुलज़ार होंगे, उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन बढ़ेगा।
बजट निवेशकों के लिए अवसर, बचत को सुरक्षा के लिए बैंको में जमा एक लाख से पाँच लाख का बीमा बड़ा कदम है।
महिलाओं और बच्चों के लिए कुल 64,300 करोड़ की राशि का प्रावधान मोदी सरकार की सोच दर्शाता है।डेटा के महत्व और शिक्षा, रोजगार में उसके महत्व को रेखांकित करने की घोषणा “डाटा सेंट्रल पार्क”, भारत नेट कार्यक्रम के लिए 6 हजार करोड़ का प्रावधान कर 1 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने के जो लाभ किसानों को मिलेंगे वह कल्पनातीत हैं। नए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए 4400 करोड़ शहरों में साफ हवा के लिए प्रावधान दूरदर्शी बजट की विशेषता है।
स्वास्थ्य, सम्पन्नता, उपज, खुशी, सुरक्षा जैसे पंच उद्देश्यों को समाहित करने वाला बजट सराहनीय है।
किसानों की आमदनी दुगुनी, दुग्ध उत्पादन को 2024 तक दुगुना करने के साथ अर्थव्यवस्था की रीढ़ खेती के लिए 16 बिंदुओं की कार्य योजना के लिए बजट प्रावधान सरकार की कृषि और ग्रामीण विकास की प्राथमिकता को प्रकट करता है।
मंदी और विकास के प्रावधानों के बावजूद बजट घाटा जीडीपी के 3.5%रखने की चुनौती वित्त मंत्री और मोदी सरकार की कुशल आर्थिक प्रबन्धन क्षमता का प्रमाण है।जिससे यह बजट ‘इज ऑफ लिविंग’ का सुख भारत के नागरिकों को देगा।

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