इन्दौर : मादक पदार्थो के दुरूपयोग एवं उनकी तस्करी को रोकने के लिए मनाए जाने वाले (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking.26th June) अन्तर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के उपलक्ष्य में इन्दौर पुलिस द्वारा नारकोटिक्स विंग के सहयोग से ‘‘मादक द्रव्य-नशे के दुष्परिणाम, बचाव व उपचार’’ विषय पर एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि जी.जी. पाण्डेय पुलिस महानिरीक्षक नारकोटिक्स विंग एवं विशिष्ठ अतिथि हरिनारायणचारी मिश्र पुलिस महानिरीक्षक इंदौर ज़ोन इन्दौर की विशेष उपस्थिति में किया गया। मनीष कपूरिया, पुलिस उप महानिरीक्षक शहर इन्दौर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) इंदौर अरविंद तिवारी, पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) इन्दौर महेशचंद्र जैन, पुलिस अधीक्षक पूर्व इन्दौर आशुतोष बागरी, अति. पुलिस अधीक्षक नारकोटिक्स इंदौर रितेश गर्ग, अति. पुलिस अधीक्षक मुख्यालय इंदौर मनीषा पाठक सोनी, अति. पुलिस अधीक्षक पश्चिम इंदौर प्रशांत चौबे सहित नशे की लत को दूर करने में कार्यरत् स्वयंसेवी संगठन Alcoholics Anonymous, Narcotics Anonymous, Al-Anon Family Group के सदस्यगण व ऑनलाइन रूप से प्रतिभागी भी शामिल हुए।
नशा व्यक्ति के जीवन का नाश कर देता है।
कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए एसपी महेशचंद्र जैन ने कहा कि नशे को एक तरह से नाश शब्द का ही पर्यायवाची कहे तो गलत नहीं होगा। किसी भी प्रकार का नशा केवल शारीरिक रूप से हीं नही वरन पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक हर तरह से नशा करने वाले व्यक्ति के जीवन का नाश कर देता है, इसलिए इससे दूर रहना ही इसका सबसे बड़ा बचाव है।
नशे के कारण बढ़ रहे अपराध।
आईजी इन्दौर हरिनारायणचारी मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि नशीले पदार्थों के अत्यधिक सेवन के कारण इन पदार्थों का अवैध व्यापार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। ये न केवल लोगों का जीवन बरबाद कर रहा है बल्कि कानून और व्यवस्था के लिए भी चुनौती बन रहा है। इसने संगठित अपराध का रूप भी ले लिया है। नशे के कारण ही लोगों में आपराधिक प्रवृत्ति की वृद्वि हो रही है, जिस पर अंकुश लगाने के लिये पुलिस सतत प्रयासरत रहती है। उन्होनें विगत माह में इन्दौर पुलिस द्वारा ड्रग माफियाओं के विरूद्ध की गयी प्रभावी कार्रवाई का उल्लेख करते हुए, इन्दौर पुलिस के कार्य की प्रशंसा की।
नशे की लत ले रही महामारीं का रूप।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईजी नारकोटिक्स जी.जी. पाण्डेय ने कहा कि आज के समय में किसी महामारी की तरह कोई चीज दुनिया में सबसे ज्यादा फैल रही है तो वो है नशे की लत। यह एक रोग की तरह है, जो लोगों को धीरे-धीरे मौत की नींद सुला रहा है। ड्रग्स का सेवन या ड्रग्स की लत एक मनोचिकित्सकीय, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या है जो न केवल पूरे विश्व के युवाओं को प्रभावित करती है बल्कि विभिन्न आयु के लोगों को भी इसने अपने गिरफ्त में ले रखा है। दिन-प्रतिदिन इसका सेवन करने वालों का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। यह व्यक्तियों और समाज को केवल शारीरिक व सामाजिक ही नहीं सांस्कृतिक, भावनात्मक, आर्थिक सहित जीवन के कई क्षेत्रों में नष्ट कर देता है। इसकी रोकथाम के लिये केवल पुलिस-प्रशासन ही नहीं वरन समाज के प्रत्येक घटक को मिलकर प्रयास करने होगें।
प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित सदस्यों द्वारा आॅनलाइन रूप से जुड़े प्रतिभागियों को वर्तमान परिदृश्य में मादक पदार्थो व नशें के दुष्परिणाम, उपचार व इनसे दूर रहने के उपायों के बारें में चर्चा की। उनकी संस्थाएं किस प्रकार से नशे की गिरफ्त में आये लोगों की सहायता करती है और नशे के आदि व्यक्ति को इस बुरी आदत से किस प्रकार दूर किया जाएं इसके बारें में उनके अनुभवों के आधार पर विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गयी। उन्होनें कहा कि नशे करने वाले लोग मानसिक विकारों से ग्रसित हो जाते हैं और अपराध की राह पर चल पड़ते हैं। इसके लिए हमें कानूनी प्रावधानों के साथ इसकी वजह जो ये नशाखोरी है इस पर ही प्रहार करना होगा। इसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा तभी हम इस सामाजिक बुराई को जड़ से मिटा पाएंगे व देश की युवा पीढ़ी को नशे से बचा पाएंगे।
कार्यक्रम का सफल संचालन अति. पुलिस अधीक्षक प्रशांत चौबे द्वारा किया गया अन्त में आभार अति. पुलिस अधीक्षक मनीषा पाठक सोनी ने माना।