इंदौर : डॉ. अंबेडकर नगर महू में आदिवासी युवती से कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या और फायरिंग में युवक की मौत के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज किया है। मृतक आदिवासी युवती के माता-पिता पर आईपीसी की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया है, इसके साथ ही फायरिंग में गोली लगने से हुई भेरूलाल की मौत के बाद उसके परिजनों के खिलाफ भी 307 के तहत मामला दर्ज कर किया गया है।
इस मामले में युवक कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने ट्वीट कर सरकार से पूछा- “लाड़ली बहना पर FIR ! यह कहां का इंसाफ है ? जहां महू में जिस आदिवासी युवती के साथ बलात्कार के बाद हत्या की गई, उसी की “मां” और पिता पर धारा 307 की FIR दर्ज कर दी गई। वहीं, भेरूलाल जिसे पुलिस ने गोलियों से मार दिया उसको तक नहीं बख्शा गया व मरने के बाद भी 307 की FIR दर्ज कर दी गई।”
बता दें कि आदिवासी युवती की मौत से गुस्साए लोगों ने बुधवार देर रात महू के बड़गोंदा थाना क्षेत्र की डोंगरगांव पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया। पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की। घटना के बाद चार थाना क्षेत्रों का पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। वहीं एसडीएम तहसीलदार सहित कई बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे लेकिन आदिवासी लोगों का आक्रोश देखने के बाद पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इसके साथ ही हवाई फायर भी किए। इस पूरी घटना में 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए वहीं, गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई। जिस युवक की मौत हुई है, उसकी पहचान 18 वर्षीय आदिवासी युवक भेरूलाल के रूप में हुई है।
धार जिले के धामनोद क्षेत्र में रहने वाली युवती की बड़गोंदा थाना क्षेत्र में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मृतक युवती के परिजनों द्वारा यह आरोप लगाया गया कि उनके परिवार की लड़की के साथ पाटीदार समाज के युवकों ने गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी है। पुलिस ने आदिवासी लोगों की रिपोर्ट नहीं लिखी। पोस्टमार्टम के बाद जब परिजनों को शव सौंपा गया, तो उन्होंने शव रखकर चक्काजाम किया और आरोपियों को समाज के लोगों को सौंपने की बात कही। जिस पर पुलिस ने कानून अपने हाथ में न लेने की बात कही। पुलिस का कहना था कि, FIR हो चुकी है और आरोपी की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। लेकिन आदिवासी समाज के लोग नहीं माने और डोंगरगांव पुलिस चौकी को चारों तरफ से घेर लिया। नतीजतन पुलिस को बलप्रयोग के साथ फायरिंग करनी पड़ी।