मां के घर छोड़ प्रेमी के साथ जाने से तनाव में आई बड़ी लड़की ने लगाई फांसी, पुलिस ने त्वरित पहुंचकर बचाई जान

  
Last Updated:  November 29, 2021 " 06:22 pm"

इंदौर : फाँसी पर झूली लड़की को थाना पलासिया पुलिस ने फंदे से उतारकर उसकी जान बचाई। मां के घर छोड़कर प्रेमी के साथ चले जाने से तनाव में आकर लड़की ने यह कदम उठाया था।

ये था पूरा मामला।

थाना पलासिया पर रविवार दिनांक 28.11.2021 को अज्ञात व्यक्ति द्वारा बीट गीताभवन ड्यूटी पर तैनात आरक्षक भागचन्द्र एवं आरक्षक श्रवण को सूचना दी गई कि बडी ग्वाल टोली इन्दौर में मकान के अन्दर एक लड़की गले में फांसी का फन्दा लगाकर आत्महत्या कर रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरक्षक भागचन्द्र एवं आरक्षक श्रवण मौके पर पहुंचे। मकान के बाहर भीड मे चिल्ला पुकार हो रही थी। दोनों आरक्षकों ने तत्काल लोगों की मदद से मकान का दरवाजा तोड़ा। अन्दर जाकर देखा तो एक लडकी मकान की छत की लकडी पर साडी का फन्दा बनाकर लटकी हुई दिखी। उसे तत्काल फांसी का फन्दा खोलकर नीचे उतारा गया। पूछताछ में लड़की ने पुलिस को बताया कि वे 5 बहनें और 1 भाई हैं। वो सबसे बड़ी 23 साल की है और काम करती है। पिता की 4 साल पहले मृत्यु हो गई थी। कुछ दिन पहले इनकी माँ इन्हें छोड़कर अपने प्रेमी के साथ रहने लगी थी, जिससे घर की पूरी जिम्मेदारी इस लड़की पर आ गई थी। माँ को समझाने पर भी वह वापस आने के लिए तैयार नहीं थी। लड़की के ऊपर एक ओर अपने छोटे भाई बहन की जिम्मेदारी थी तो दूसरी ओर माँ के प्रेमी के साथ चले जाने का दुःख था। इसी तनाव में आकर वह फाँसी पर लटक गई थी। लड़की की दास्तान सुनने पर थाना प्रभारी पलासिया संजय सिंह बैस ने लड़की की माँ को थाने बुलाया और लड़की से मिलाया। लड़की की माँ ने बताया कि वह अपने प्रेमी को शादी के पहले से चाहती थी लेकिन माँ-बाप ने दूसरी जगह शादी कर दी। 4 साल पहले पति की मृत्यु के बाद उसे अपना पहला प्यार अचानक मिला जिससे वह अपने आपको रोक नहीं सकी और उसके पास बच्चों को छोड़कर चली गई। वह अपने प्रेमी तथा बच्चों दोनों के साथ रहना चाहती है लेकिन बच्चे, प्रेमी को घर में रखने के लिए तैयार नहीं है। इसी कारण वह बच्चों को छोड़कर प्रेमी के पास चली गई थी। बच्चों और माँ की थाना पलासिया में 4 घंटे तक काउन्सलिंग कर परिवार को मिलाया गया। लड़की को आत्महत्या जैसा कदम न उठाने और किसी परेशानी में तत्काल पुलिस को सूचित करने की समझाइश दी गई। बाद में उन्हें घर भिजवाया गया।

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