इंदौर : कमलनाथ सरकार के खिलाफ बीजेपी ने शुक्रवार को प्रदेशव्यापी धरना- प्रदर्शन किया। जिला स्तर पर कलेक्टर कार्यालयों का घेराव कर गिरफ्तारी दी गई। इंदौर में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की अगुवाई में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सहित महापौर, सांसद, विधायक और अन्य नेताओं के साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर अपनी गिरफ्तारी दी।
माफिया के नाम पर बीजेपी कार्यकर्ताओं को किया जा रहा प्रताड़ित।
इसके पूर्व कलेक्टर कार्यालय पर करीब तीन घंटे तक धरना- प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने सीएम कमलनाथ और उनकी सरकार पर तीखे हमले किये। उन्होंने कहा कि माफिया के खिलाफ कार्रवाई की आड़ में बीजेपी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। उनकी संपत्ति को तोडाफोडा जा रहा है। राजनैतिक बदले की भावना से ये कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में भय और आतंक का वातावरण बनाया जा रहा है। लाल आतंक तो देखा- सुना पर ये सरकारी आतंक है। निरपराध लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। सीएम कमलनाथ तानाशाहों की तरह बर्ताव कर रहे हैं।
अवैध वसूली की मांग पूरी नहीं हुई तो तोडाफोडी पर उतर आए।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार ने माफिया के खिलाफ मुहिम अवैध वसूली के लिए शुरू की थी। मांग पूरी नहीं हुई तो तोड़फोड़ पर उतर आए। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार की दमनात्मक कार्रवाई से बीजेपी के कार्यकर्ता डरने वाले नहीं हैं।
जिंदा जलाए गए दलित की नहीं ली सुध।
राकेश सिंह ने सीएम कमलनाथ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे किसानों, युवाओं और आम लोगों के साथ किये गए वादे निभाने में असफल रहे। अपनी विफलता को छुपाने के लिए वे हर माह नए शिगूफे छोड़ते रहते हैं। सागर में एक दलित को जिंदा जला दिया गया पर उसे तड़पता हुआ छोड़ दिया गया और अंततः उसकी मौत हो गई। उसकी मौत की जिम्मेदार कमलनाथ सरकार है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कमलनाथ सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। ये सरकार अराजक सरकार है। बीजेपी इस सरकार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेगी।
हार के डर से बदला नियम।
बीजेपी के प्रदेश के मुखिया राकेश सिंह ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा नगरीय निकाय चुनाव के नियम बदलकर महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष पद्धति से कराने के पीछे मूल कारण, कांग्रेस को हार का डर है।उन्होंने सीएम कमलनाथ को चुनौती दी कि अगर हिम्मत है तो महापौर का चुनाव सीधे करवाकर देखें।
मनमाने ढंग से की जा रही कार्रवाई।
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी माफिया के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकारों ने भी माफिया के खिलाफ कार्रवाई की थी पर राजनैतिक बदले की भावना से कभी काम नहीं किया। अतिक्रमण हटाए तो उसके पीछे विकास की सोच थी। माफिया के खिलाफ कार्रवाई से किसी को ऐतराज नहीं है लेकिन जिस ढंग से कार्रवाई की जा रही है वो गलत है। 70- 80 साल पुराने निर्माण अतिक्रमण बताकर तोड़ दिए। कार्रवाई के नाम पर बीजेपी कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब अवैध निर्माण हो रहे होते हैं तब उनपर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती।
सीएए को रोक नहीं सकते।
सुमित्रा ताई ने सीएए को लेकर भी कमलनाथ सरकार की घेराबंदी की। उन्होंने कहा कि सीएए केंद्रीय कानून है। उसे रोकने का अधिकार राज्य सरकारों को नहीं है।अगर किसी को दिक्कत है तो कोर्ट के दरवाजे खुले हैं। उसके फैसले का इंतजार करें। लोगों को भड़काना बन्द करें।
कांग्रेस में सीधी लड़ाई का दम नहीं।
नगरीय निकाय के चुनाव अप्रत्यक्ष पद्धति से कराए जाने को लेकर भी ताई ने कमलनाथ सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में बीजेपी के साथ सीधी लड़ाई लड़ने का दम नहीं है, इसलिए नियम बदल दिए। ताई ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को जनता पर भरोसा नहीं है, इसी के चलते वह लेनदेन से महापौर चुनना चाहती है।
धरना- प्रदर्शन में सांसद शंकर लालवानी, शहर अध्यक्ष गोपी नेमा, विधायक आकाश विजयवर्गीय सहित अन्य पार्टी नेताओं ने भी सम्बोधित किया।
कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर दी गिरफ्तारी।
धरना- प्रदर्शन के बाद प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की अध्यक्षता में तमाम बीजेपी नेता और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालय की ओर कूच कर उसका घेराव किया। इस दौरान कमलनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। कुछ कार्यकर्ताओं ने काले झंडे लहराए और आसमान में काले गुब्बारे छोड़कर अपना विरोध जताया। बाद में राकेश सिंह, सुमित्रा महाजन, महापौर मालिनी गौड़ और सांसद लालवानी सहित अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अपनी गिरफ्तारी दी। कई उत्साहित कार्यकर्ता पुलिस वाहनों की छत पर चढ़ गए और नारेबाजी की। कई महिला कार्यकर्ताओं ने भी गिरफ्तारी दी। सभी को वाहनों में भरकर जिला जेल ले जाया गया।
धरना आंदोलन में बड़े नेताओं के साथ विधायक महेंद्र हार्डिया, रमेश मेंदोला, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, उमा शशि शर्मा, बाबूसिंह रघुवंशी, अंजू माखीजा, कमल वाघेला, जेपी मूलचंदानी और अन्य नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए।
भारी पुलिस बल रहा तैनात।
बीजेपी के धरना- प्रदर्शन और घेराव के मद्देनजर कलेक्टर कार्यालय पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। दो स्तरीय बेरिकेटिंग की गई थी। जिला और पुलिस प्रशासन के बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। हालांकि बलप्रयोग की नौबत नहीं आई। बीजेपी का आंदोलन शांतिपूर्ण रहा।