लड़ाकू विमान राफेल की प्रतिकृति बनीं आकर्षण का केंद्र।
इंदौर : पाकिस्तान और पीओके में चल रहे आतंकी ठिकानों के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकियों की कमर तोड़ने में अयधुनिक लड़ाकू विमान राफेल ने अहम भूमिका निभाई। लालबाग में में चल रहे मालवा उत्सव में भारतीय सेना के शौर्य का प्रतीक राफेल की प्रतिकृति लोगों के आकर्षण का केंद्र बनीं हुई है। लोग राफेल की प्रतिकृति के साथ सेल्फी लेकर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं।
मालवा उत्सव में लोककलाओं की भी धूम मची हुई है। प्रतिदिन देश भर से आए लोक कलाकार अपने क्षेत्र के लोकनृत्यों की बानगी शिद्दत के साथ पेश कर रहे हैं।सोमवार शाम बड़े ढोल पिरामिड बनाकर दर्शकों को रोमांचित करता नृत्य ढोलू कुनिता प्रस्तुत किया गया।यह नृत्य भगवान विरलेश्वर की आराधना के लिए किया जाता है। आंध्र प्रदेश से आए कलाकारों ने यह खूबसूरत नृत्य प्रस्तुत करके दाद बटोरी। लोक संस्कृति मंच के संयोजक एवं सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि बैतूल से आए कलाकारों ने ढोल ताशा ,टीमकी, सिंग ,बांसुरी, मंजीरा जैसे वाद्य के साथ धोती कुर्ता भुजबल पहनकर सर पर पगड़ी बांधकर तुर्रा बांधकर नृत्य किया। यह गोंड जनजाति का थाट्या नृत्य था। वहीं स्थानीय कलाकार नव्या ने अपनी प्रस्तुति शिव वंदना से आरंभ कर बाद में कत्थक के तकनीकि पक्ष को प्रस्तुत किया। वही दमयंती भाटिया मिरदवाल की वरिष्ठ शिष्याएं ऋषिका राणा एवं अंबिका मालवीय ने कथक नृत्य के अंतर्गत दादरा रंगी सारी गुलाबी चुनरिया पर भाव नृत्य प्रस्तुत किया। महाराष्ट्र के कलाकारों द्वारा ढोल, झांज ,बांसुरी नीली जैकेट साफा के साथ में पांव में घुंघरू बांधकर तांडव नृत्य पेश किया गया, जो दशहरा दीपावली गुड़ी पड़वा आदि अवसरों पर भगवान विठोबा के लिए किया जाता है। नवसारी गुजरात से आए कलाकारों द्वारा तलवार रास प्रस्तुत किया जो नवरात्रि पर गुजरात में किया जाता है। कोई मिश्रा रस गुजरात का लोक नृत्य है इसमें पुरुष और महिलाएं दोनों ने हाथों में डंडे लेकर नृत्य किया। दत्ता जी के शिष्यों द्वारा खूबसूरत ओडिसी नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर विशाल गिद्वानी, बंटी गोयल, संजय शर्मा, ऋषि सोलंकी, मनीष बासानी, नरेश फुंदवानी भी मौजूद थे।