भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के समस्त आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को निःशुल्क कोविड उपचार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना लागू की है। इस योजना में आयुष्मान कार्डधारी परिवारों का नि:शुल्क कोविड उपचार करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इस योजना को आम आदमी के हित में बताते हुए इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आकाश त्रिपाठी ने योजना की जानकारी एवं क्रियान्वयन के लिये समस्त कलेक्टर्स और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र जारी किया है। उन्होंने बताया कि आयुष्यमान पैकेज की दरों में 40 प्रतिशत की वृद्धि कर उनको वर्तमान में उपचार के लिए प्रायवेट अस्पतालों की दरों के समकक्ष लाया गया है। इसमें विशेष जाँचों जैसे सीटी स्कैन, एमआरआई आदि की अधिकतम सीमा जो पूर्व में 5 हजार रूपए प्रति परिवार प्रतिवर्ष थी, इसे संशोधित कर वर्ष 2021-22 में कोविड-19 के उपचार हेतु भर्ती कार्डधारियों के लिए 5 हजार रुपये प्रति कार्डधारी कर दिया गया है।
वर्तमान में प्रदेश के कोविड उपचार हेतु चिन्हित अस्पतालों की संख्या 579 के विरुद्ध मेडिसिन विशेषज्ञता वाले 288 अस्पताल ही आयुष्यमान योजना के इम्पेनल्ड है। अतः जिला स्वास्थ्य समिति को जिला स्तर पर कोविड-19 के इलाज के लिए सार्थक पोर्टल पर पंजीकृत निजी अस्पतालों को आयुष्यमान भारत योजना में तीन माह के लिए अस्थायी सबद्धता प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है।
मेडिसिन विशेषज्ञता रखने वाले अस्पतालों को तीन माह की अस्थाई संबद्धता।
सचिव स्वास्थ्य आकाश त्रिपाठी ने बताया कि उक्त निर्णय से आर्थिक रूप से कमजोर आयुष्यमान कार्डधारी परिवारों का निःशुल्क कोविड उपचार कराया जा सकेगा, जो राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता भी है। अतः यह सुनिश्चित करें कि जिले के समस्त ऐसे निजी अस्पताल जो मेडिसिन विशेषज्ञता रखते हुए कोविड उपचार कर रहे हैं और सार्थक पोर्टल पर पंजीबद्ध हैं। उनको आयुष्यमान योजना के अन्तर्गत तीन माह के लिए अस्थायी संबद्धता शीघ्र दी जाए ताकि उन सभी अस्पतालों में आयुष्यमान योजना के नवीन पैकेज के तहत आयुष्यमान कार्डधारियों का नि:शुल्क कोविड उपचार सुनिश्चित किया जा सके। बहुत छोटे अस्पतालों को यह संबद्धता न दी जाए।
पात्र परिवार के प्रत्येक सदस्य का बने आयुष्यमान कार्ड।
राज्य शासन की प्रतिबद्धता है कि आयुष्यमान भारत योजना में पात्र परिवार के प्रत्येक सदस्य को कार्ड उपलब्ध कराया जाए। यह कार्य एक अभियान के रूप में चलाया जाए। कोविड-19 के नि:शुल्क उपचार के लिये विशेष अभियान चलाकर सुनिश्चित करें कि आयुष्यमान पात्र परिवारों के प्रत्येक सदस्य को पृथक कार्ड मिल सके और उनका निःशुल्क कोविड उपचार किया जा सके। कोई भी आयुष्यमान कार्ड की पात्रता रखने वाले परिवार के पास यदि यह कार्ड नहीं है और उसे कोविड होने के कारण उपचार की आवश्यकता है, तो भी उनका निःशुल्क इलाज सुनिश्चित किया जाना है।
कार्ड नहीं बना, फिर भी हो सकेगा उपचार।
यदि आयुष्यमान कार्डधारक के परिवार का कोई सदस्य जिसका आयुष्मान कार्ड नहीं बना है और वह कोविड पॉजीटिव होकर उपचार के लिये अस्पताल में पहुँचता है तो वह तीन तरह से अस्पताल में प्रवेश पा सकेगा।
1.परिवार के किसी सदस्य का आयुष्यमान कार्ड एवं खाद्यान्न की पर्ची, जिसके माध्यम से यह पता चलता है कि वह आयुष्यमान कार्डधारक के परिवार का सदस्य है।
- आयुष्यमान कार्डधारी परिवार के एक सदस्य का आयुष्यमान कार्ड एवं उसके साथ समग्र आई.डी का प्रस्तुतिकरण, जिसके माध्यम से यह पता चलता हो कि वह आयुष्यमान कार्डधारक परिवार का सदस्य है।
- परिवार के एक सदस्य का आयुष्यमान कार्ड एवं साथ में किसी भी शासकीय विभाग के राजपत्रित अधिकारी का इस बाबत प्रमाणीकरण कि वह आयुष्यमान कार्डधारक के परिवार का सदस्य है। शासकीय अधिकारी इस हेतु समग्र पोर्टल के माध्यम से सत्यापित कर सकते हैं कि वह आयुष्यमान कार्डधारी के समग्र आई.डी. परिवार का सदस्य है।
शासकीय चिकित्सालयों में होगी कार्ड बनाने की स्थाई व्यवस्था।
स्वास्थ्य सचिव आकाश त्रिपाठी ने बताया कि कोविड उपचार के लिये भर्ती होने के पश्चात तीन दिवस के भीतर मरीज के परिवारजन को मरीज का आयुष्यमान कार्ड बनवाकर अस्पताल में प्रस्तुत करना होगा। उसे यह कार्ड बनाने के लिए एक सुगमता पूर्वक व्यवस्था जिला कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुनिश्चित करेंगे। इस हेतु शासकीय चिकित्सालयों में आयुष्मान कार्ड बनाने की स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
कार्डधारियों के एडमिशन एवं उपचार के लिये नोडल अधिकारी।
योजना में आयुष्यमान से संबंद्ध कोविड अस्पतालों में आयुष्यमान कार्डधारियों का एडमिशन एवं उपचार बिना किसी बाधा के सुगमतापूर्वक हो सके यह सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिये जिले में अपर कलेक्टर से अनिम्न स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी और कोविड उपचार हेतु अधिकृत प्रत्येक आयुष्यमान संबंद्ध अस्पताल के लिये शासकीय अधिकारी को प्रभारी अधिकारी बनाया जाएगा। इस योजना के कार्डधारियों को कोविड उपचार के लिए चिन्हित आयुष्यमान अस्पतालों में सुगमता पूर्वक प्रवेश एवं उपचार हेतु यह नोडल अधिकारी एवं प्रभारी अधिकारी निरंतर कार्य करेंगे तथा फोन पर उपलब्ध रहेंगे। कोई भी आयुष्यमान कार्डधारी प्रवेश में सहायता हेतु अथवा किसी प्रकार की दिक्कत आने पर नोडल या प्रभारी अधिकारी से सम्पर्क कर सकता है। इस हेतु डी.सी.सी.सी. के दूरभाष अथवा जिले के अन्य कंट्रोल रूम का नम्बर व्यापक रूप से प्रसारित किया जाए।
शिकायत निवारण के लिये विशेष सेल।
आयुष्यमान कार्डधारियों की कोविड उपचार के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होने पर कार्रवाई करते हुए जाँच के लिये एक विशेष सेल बनाए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि किसी भी दशा में कोई भी कार्डधारी सुगमता पूर्वक प्रवेश व कोविड उपचार से वंचित न रहे।
सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आकाश त्रिपाठी ने कलेक्टर्स एवं सीएमएचओ से कहा है कि शासन की मंशानुरूप मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को पूर्णत संवेदनशीलता के साथ निःशुल्क कोविड उपचार उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के घटक।
प्रथम घटक।
प्रदेश के समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा संचालित अस्पताल, समस्त जिला चिकित्सालय, समस्त सिविल अस्पताल एवं कोविड उपचार करने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रदेश सरकार द्वारा समस्त कोविड मरीजों को पूर्णतः निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। इस हेतु शासकीय अस्पतालों में 395 आई.सी.यू./एच.डी.यू. बेड, 13 हजार 334 ऑक्सीजनयुक्त बेड एवं 20 हजार 601 आइसोलेशन बेड उपलब्ध कराए गए है। इसमें निरंतर वृद्धि करने के प्रयास चल रहे है ।
द्वितीय घटक।
प्रदेश के कुछ जिलों में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा संचालित अस्पतालों में आवश्यक संख्या में आईसोलेशन एवं आई.सी.यू./ एच.डी.यू. बेड अनुबंधित किए गए है। वर्तमान में 3675 विभिन्न श्रेणी के बेडस उपलब्ध है। समस्त अनुबंधित बेड पर भर्ती होने वाले प्रदेश के कोविड़ मरीजों को पूर्णतः निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है।
तृतीय घटक।
प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के निःशुल्क उपचार हेतु आयुष्मान योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। इस कार्ड के माध्यम से यह कार्डधारी आयुष्मान संबद्ध अस्पताल में निःशुल्क उपचार प्राप्त कर सकते हैं। राज्य शासन ने संबद्ध अस्पतालों में 20 प्रतिशत बेडस आयुष्मान हितग्राहियों के लिए आरक्षित रखने के निर्देश भी दिए हैं।