मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति के खिलाफ लामबन्द हुए मेडिकल संगठन, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

  
Last Updated:  January 6, 2022 " 03:59 pm"

इंदौर : मप्र सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक अधिकारी के रूप में एडीएम की नियुक्ति के प्रस्ताव के विरोध में आईएमए की इंदौर इकाई सहित तमाम मेडिकल संगठनों के पदाधिकारियों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नाम कमिश्नर, इंदौर संभाग को ज्ञापन सौंपा। डॉ. पूनम माथुर ने ज्ञापन का वाचन किया। संभागायुक्त की ओर से उपायुक्त सपना शिवाले सोलंकी ने ज्ञापन लिया।
इस दौरान आइएमए इंदौर के अध्यक्ष डॉ सुमित शुक्ला, मेडिकल टीचर एसोसिएशन एमजीएमएमसी की अध्यक्ष डॉ. पूनम माथुर, सचिव डॉ. अशोक ठाकुर, एमजीएमएमसी एलुमनी एसो. के सचिव डॉ. संजय लोंढे, डॉ. अरविंद घनघोरिया, डॉ. अभय ब्राह्मणे, डॉ. रोहित मन्याल, जेडीए इंदौर के पदाधिकारी, अजाक्स के जिलाध्यक्ष करण भगत, मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के विभागीय अध्यक्ष गोपाल बहाड, नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष रमेश जाट, नर्सिंग एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र पाठक, फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गिलके, लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के प्रांतीय सचिव दिलीप पाटिल, लघु वेतन कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष भीम सिंह कुशवाह, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष राजकुमार पांडे सहित बड़ी संख्या में डाक्टर्स, नर्सेस एवं अधिकारी- कर्मचारी शामिल थे।

प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति स्वीकार्य नहीं।

आईएमए इंदौर के अध्यक्ष डॉ. सुमित शुक्ला का कहना था कि सरकार मेडिकल कॉलेजों में राजस्व अधिकारी को बिठाना चाहती है। मेडिकल टीचर्स एसो. सहित सभी मेडिकल संगठन इसके खिलाफ हैं। इसी के चलते प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों की ओर से सम्बंधित संभागायुक्तों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं। डॉ. शुक्ला ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में डीन, प्रशासनिक प्रमुख के बतौर तमाम व्यवस्थाओं को अंजाम देते हैं। ऐसे में किसी राजस्व अधिकारी की नियुक्ति करना समझ से परे हैं।अन्य किसी भी सरकारी विभाग में इसतरह की व्यवस्था नहीं है, ऐसे में मेडिकल कॉलेजों में ही राजस्व अधिकारी को क्यों थोपा जा रहा है..?

हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर सहित अन्य खाली पद भरें सरकार।

डॉ. सुमित शुक्ला और डॉ. संजय लोंढे का कहना था कि प्रदेश सरकार ने 13 में से 11 मेडिकल कॉलेज में अभी तक पूर्णकालिक डीन नियुक्त नहीं किए हैं। स्वास्थ्य विभाग में 60 फीसदी सीटें खाली हैं। मेडिकल कॉलेजों में अस्पताल प्रबन्धक, बायोमेडिकल इंजीनियर, फायर सेफ्टी इंजीनियर जैसे पद खाली हैं। सरकार अगर सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाना चाहती है तो उसे उपरोक्त खाली पड़े पदों को भरने पर ध्यान देना चाहिए। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर के इंदौर में चार पद खाली हैं। सरकार को हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री प्राप्त व्यक्तियों की इन पदों पर नियुक्ति करनी चाहिए जो अस्पतालों की व्यवस्थाओं को सुधारने में सहयोग करें।

8 जनवरी को भोपाल में होगी प्रदेशस्तरीय बैठक।

एमजीएम मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. पूनम माथुर ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति के विरोध में हम तीन दिनों तक काली पट्टी बांधकर काम कर चुके हैं पर सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है। इसी के चलते संभागायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। इसके बाद भी सरकार हमारी बात नहीं मानती है तो 8 जनवरी को भोपाल में मेडिकल टीचर्स एसो. सहित सभी मेडिकल संगठनों की प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाकर आगामी रणनीति तय की जाएगी।

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