मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश तथा संयुक्त सचिव स्वच्छ भारत मिशन की गरिमामय उपस्थिति में हुई कार्यशाला।
इन्दौर : स्वच्छता में इंदौर के लगातार छह साल से सिरमौर रहने के चलते देशभर के स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि स्वच्छता की इंदौरी कार्यशैली जानने को बेताब है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश लखनऊ के नगरीय निकाय निदेशालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य सचिव यूपी दुर्गाशंकर मिश्रा, संयुक्त सचिव एवं मिशन निदेशक स्वच्छ भारत मिशन रूपा मिश्रा, एसबीएम मिशन डायरेक्टर नेहा शर्मा, प्रिंसिपल सेकेटरी युडी अमरित अभिजात की उपस्थिति में आयोजित स्वच्छ त्यौहार 2022 के तहत निगमायुक्त प्रतिभा पाल द्वारा इंदौर के स्वच्छता अभियान के संबंध में विस्तार से प्रेजेटेंशन दिया गया।
बता दें कि नगरीय निकाय निदेशालय उत्तर प्रदेश द्वारा निगमायुक्त प्रतिभा पाल को लखनऊ में आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में नगरीय निकार्यो की कार्यशैली को सृदृढ बनाये जाने हेतु दिनांक 4 नवम्बर 2022 को आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में स्वच्छ सर्वेक्षणो में गत 6 वर्ष से इंदौर शहर द्वारा निरंतर उत्कृष्ठ प्रदर्शन करते हुए, पुरे देश में प्रथम स्थान पर बने रहने की पृष्ठभूमि व कार्यशैली पर प्रेजेटेशन देने हेतु आमंत्रित किया गया था।
इस अवसर पर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने प्रेजेटेशन के माध्यम से इंदौर के स्वच्छता अभियान के विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार से पूर्व में इंदौर में जगह-जगह कचरा पेटियां हुआ करती थी। कचरा पेटी के आस-पास कचरे के ढेर लगे होते थे। इसके बाद इंदौर ने स्वच्छता अभियान के तहत इंदौर को कचरा पेटी से मुक्त करते हुए, शहर के चिन्हित वार्ड में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहन चलाए, जिनका जीपीएस सिस्टम के माध्यम से मॉनिटरिंग किया जा रहा है, सभी कचरा संग्रहण वाहन अपने निर्धारित रूट व समय पर अपने कार्य क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। शहर में गीला-सुखा कचरा के साथ ही वर्तमान में हर दिन 6 बिन की तर्ज पर 6 प्रकार का कचरा पृथक-पृथक संग्रहित किया जा रहा है। थैला बैंक, बर्तन बैंक, डिस्पोजल फ्री क्षेत्र, जीरो वेस्ट इवेंट, जीरो वेस्ट शादी, नाला सफाई अभियान, नाला क्रिकेट, नाला मेडिकल चेकअप, नाला फुटबॉल, नाला दंगल व अन्य गतिविधियेां के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहनों से संग्रहित कचरे को गारबेज कचरा ट्रांसर्फर स्टेशन तक किस प्रकार से पहुंचाया जा रहा है, इस सेग्रिगेट कचरे को किस प्रकार से ट्रेचिंग ग्राउण्ड पर डिसेंट्रलाइज मटेरियल रिकवरी प्लांट व ड्राय वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट, कम्पोस्ट प्लांट में प्रोसेस किया जा रहा है। इसके साथ ही ट्रेचिंग ग्राउण्ड में निर्माणाधीन बायागैस प्लांट के संबंध में भी विस्तार से जानकारी देते हुए, बताया कि यह एशिया का बडा बायोगैस सीएनजी प्लांट है। गीले कचरे से यहां बायोगैस का निर्माण किया जाकर उसे लोक परिवहन में उपयोग किया जा रहा है।