रंगोली के जरिए लोक कलाओं को प्रदर्शित कर रहीं वर्षा सिरसिया।

  
Last Updated:  December 17, 2022 " 09:09 pm"

करीब साढ़े पांच हजार स्क्वेयर फीट में बनाई है रंगोली।

18 व 19 दिसंबर को वर्षा की रंगोली को निहार सकेंगे दर्शक।

इंदौर : शहर की ख्यात रंगोली आर्टिस्ट वर्षा सिरसिया किसी परिचय की मोहताज नहीं है। रंगोली के हर माध्यम में सिद्धहस्त वर्षा की पहचान विशाल रंगोलियों को आकार देने में है। पहले भी हजारों स्क्वेयर फीट की रंगोलियों को आकार दे चुकी वर्षा एक बार पुनः करीब साढ़े पांच हजार स्क्वेयर फीट की रंगोली को आकार देने जा रही है।

रंगोली में ढाल रहीं लोक कला।

गांधी हॉल परिसर में अपनी रंगोली को साकार करने में जुटी वर्षा ने इस बार लोक कलाओं को अपनी कला (रंगोली) का आधार बनाया है। यहां चल रहे साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समागम ‘लिट चौक’ में अपनी भागीदारी निभा रही वर्षा सिरसिया अपनी रंगोली में मधुबनी, गौंड, वरली और राजस्थानी लोक कला को प्रदर्शित कर रही हैं।

18 व 19 दिसंबर को देख सकेंगे रंगोली।

वर्षा की इस विशालकाय और नयनाभिराम रंगोली को ‘लिट चौक’ में आनेवाले कलापार्खियों के साथ आम दर्शक भी रविवार 18 दिसंबर और सोमवार 19 दिसंबर को देख सकेंगे।

वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की भी है तैयारी।

वर्षा ने बताया कि वे इसके पूर्व क्रिश्चियन कॉलेज के ब्रॉन्सन हॉल और गांधी हॉल में भी शहीदों को समर्पित विशाल रंगोलियां बना चुकी हैं। रंगोली बनाना उनका जुनून है। अपने इस हुनर को वे आगे ले जाते हुए वैश्विक स्तर पर पहुंचाना चाहती हैं। लोक कलाओं को समर्पित उनकी यह रंगोली उसी दिशा में एक प्रयास है।

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