🎾 नरेंद्र भाले 🎾
मोहम्मद शमी की लाजवाब शुरुआत। गेंद न केवल उछाल ले रही थी बल्कि हरकत भी कर रही थी। भाई ने आगाज़ में ही तीन चटका दिए। अय्यर तथा पंत ने अच्छी साझेदारी कर तीन बल्लेबाजों के नुकसान को रफू कर दिया। पंजाब के गेंदबाजों ने उम्दा वापसी की और लगा कि दिल्ली सस्ते में निपट जाएगी लेकिन हरफनमौला स्टोइनिश ने आसमानी पारी खेलते हुए अपनी टीम को लड़ाकू चेहरा प्रदान कर दिया। 20 वा ओवर वरदान साबित हुआ। स्टोइनिश के अफलातून अर्धशतक ने आनंद ला दिया। पंजाब के लिए मयंक अग्रवाल ने उद्घाटक बल्लेबाज के रूप में 19 .4 ओवर तक उम्दा बल्लेबाजी की और मैच लगभग पंजाब की झोली में डाल ही दिया था। यहां अंपायर मेनन एक ऐसी गलती कर बैठे कि मयंक द्वारा दौड़ के लिए गए 2 रनों में से एक शाँर्ट का संकेत दे बैठे। जबकि रिप्ले में साफ दिख रहा था कि रन शाँर्ट नहीं था। आश्चर्यजनक रूप से तीसरा अंपायर भी आधुनिक तकनीक के बावजूद इस गलती को अनदेखा कर गया।बची 2 गेंदों में दो विकेट टपक गए और मैच समान स्कोर पर टाइ हो गया। भले ही अंपायरों से गलती हो गई किंतु पंजाब के पास जीत का अवसर निश्चित था। सुपर ओवर में 3 गेंदों में 2 विकेट खोकर 2 वह रन ही जोड़ पाया
पंजाब और मात्र 3 रन का विशाल लक्ष्य हासिल कर दिल्ली मेंच जीत गया। यहां एक मजेदार किस्सा लिखना जरूरी है कि यदि टेस्ट मैच में बल्लेबाज दोनों पारियों में शून्य पर आउट होता है तो उसे चश्मा या डबल डक कहा जाता है। यह टेस्ट में ही संभव है लेकिन निकोलस पूरन ने यहां यह अनोखा चमत्कार कर दिखाया। वे पारी के दौरान खाता भी नहीं खोल पाए और सुपर ओवर में भी। एक अनूठा डबल डक। गलती इंसान से ही होती है, मेनन से भी हुई लेकिन पंजाब ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी हारने में। खैर जेम्स बांड की फिल्मों की तरह लंबे अरसे बाद T 20 में सांस रोकने वाला रोमांस देखने को मिला। यही इस खेल का सबसे आकर्षक पक्ष है। अगर इस मैच में रबाडा का उल्लेख न किया जाए तो उनके साथ ज्यादाती होगी। पहले तो उन्होंने स्क्वेयर लेग पर जॉर्डन का उड़ता कैच लपक लिया। वास्तव में ऐसे कैच पकड़े नहीं जाते बल्कि फँस जाते हैं। फिर सुपर ओवर में केएल राहुल तथा निकोलस पूरन को चलता कर दिखा दिया की दिल्ली दिल वालों की है। मयंक की मेहनत पर पानी फेर कर रबाडा ने पंजाब का पूरा कबाड़ा कर दिया।