इंदौर : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला का कहना है कि संवाद लोकतंत्र का महत्वपूर्ण स्तम्भ है। उनकी कोशिश रहती है लोकसभा में चर्चा के माध्यम से समाधान निकले। सत्रहवीं लोकसभा में संसद की मर्यादा को बनाए रखने के अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।
गुरुवार शाम इंदौर प्रवास पर आए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने एक निजी होटल में आयोजित द ‘स्पीकर स्पीक’ कार्यक्रम में प्रबुद्धजनों से चर्चा करते हुए ये बात कही।
संसद में जनता से जुड़े मुद्दों पर हो सार्थक बहस।
उन्होंने कहा कि संसद में देश, जनता और राजनीति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होना चाहिए। संसद किसी भी स्थिति में राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने का मंच नहीं बनना चाहिए। उन्होंने बताया कि संसद में शून्यकाल के माध्यम से संसद सदस्यों को अपने क्षेत्र की समस्याएं उठाने के लिए रिकॉर्ड समय और अवसर दिए जा रहे हैं।
नया संसद भवन समय की मांग।
संसद के नए भवन के संदर्भ में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि नई संसद नए युग की साक्षी बनेगी। अंग्रेजों ने 1921 में संसद भवन बनाया था, थी जिसे वक़्त के साथ बदलना जरूरी हो गया है। नए संसद भवन में अत्याधुनिक सुविधाएँ, नई तकनीक और पर्याप्त स्थान की व्यवस्था की जा रही है।
लोकसभा अध्यक्ष ने प्रबुद्धजनों के सवालों के भी जवाब दिए। प्रारम्भ में सांसद शंकर लालवानी ने लोकसभा अध्यक्ष का स्वागत किया और बताया कि इनके कार्यकाल में पहली मर्तबा चुनकर आए सांसदों को प्रशनोत्तर के लिए पर्याप्त समय दिया जा रहा है। संसद रिकॉर्ड समय तक चल रही है और उसकी कार्यपद्धति में भी बदलाव आया है।
स्टेट प्रेस क्लब के प्रतिनिधि मंडल ने की लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाक़ात की। अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने ओम बिड़ला को भारतीय पत्रकारिता महोत्सव सहित क्लब के आयोजनों के बारे में जानकारी दी और स्मारिका ‘दायरा’ भेंट की। लोकसभा अध्यक्ष ने स्मारिका का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर कमल कस्तूरी, अजय भट्ट, अक्षय जैन, रचना जौहरी, सोनाली यादव, शीतल रॉय, ऋतू साहू, प्रवीण धनोतिया मौजूद थे। लोकसभा अध्यक्ष को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया।