इंदौर : राम मन्दिर की स्थापना घर- घर में होना चाहिए। रामकथा संस्कारों का सृजन कर हमारे व्यक्तित्व को आदर्श और ऊंचाई की ओर ले जाती है। ये विचार राम कथाकार दीदी मां श्रीराम किंकर ने व्यक्त किये। वे संगम नगर में आयोजित श्रीराम कथा महोत्सव में श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहीं थीं।
उन्होंने कहा कि रामकथा सर्वकालिक प्रासंगिक है। इसे मन से आत्मसात करें। इसका श्रवण हमारे विकारों को दूर कर सोलह संस्कारों का सृजन करता है। बड़ी तादाद में भक्तों ने दीदी मां के प्रवचनों को सुना और सराहा।
प्रारम्भ में शंकरलाल गुप्ता, सुधा जोशी, राधाकृष्ण सोनी, अरविंद गुप्ता, भूपेंद्र कौशिक, अनूप जोशी, राजेश भंडारी, पृथ्वी सिंह चंदेल और गणेश प्रसाद शास्त्री ने व्यासपीठ का पूजन किया। रामकथा पर प्रवचनों का सिलसिला यहां प्रतिदिन शाम 4 से 6.30 बजे तक चलेगा। रविवार 1 दिसंबर को रामजी की बारात और राम- जानकी विवाह का दिव्य महोत्सव मनाया जाएगा।
रामकथा का श्रवण हमारे व्यक्तित्व को ऊंचाई प्रदान करता है- दीदी मां
Last Updated: November 27, 2019 " 10:51 am"
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