शीर्ष अदालत का नाम लेकर मोदी पर हमला कर फंसे राहुल, अदालत ने मांगा स्पष्टीकरण

  
Last Updated:  April 15, 2019 " 11:44 am"

नई दिल्ली: राफेल मामले में सुप्रीम अदालत की आड़ लेकर पीएम मोदी पर वार करना कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को महंगा पड़ा। बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के बयान पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने माना कि राहुल गांधी ने राफेल दस्तावेजों की वैधता को लेकर उसके फैसले का इस्तेमाल गलत तरीके से अपने बयान में किया है।

राहुल ने की शीर्ष अदालत की अवमानना- लेखी।

बीजेपी नेता और अधिवक्ता मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी अवमानना याचिका में कहा है कि राहुल गांधी ने राफेल मामले में अपने निजी विचार शीर्ष अदालत के मत्थे मढ दिए हैं। उन्होंने पूर्वाग्रह और गलत धारणा पैदा करने का प्रयास किया है। मीनाक्षी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अभिभाषक मुकुल रोहतगी ने सुनवाई के दौरान कहा कि राहुल गांधी ने शीर्ष अदालत की गंभीर अवमानना की है। उन्होंने राफेल मामले में शीर्ष कोर्ट का हवाला देकर पीएम मोदी के खिलाफ गलत टिप्पणियां की।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण।

याचिका पर सुनवाई कर रही सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय पीठ ने माना की राहुल गांधी द्वारा मीडिया में दिया गया बयान गलत तरीके से शीर्ष अदालत के सिर मढ़ा गया है। इसके चलते उनसे 22 अप्रैल तक स्पष्टीकरण मांगा गया है। पीठ ने साफ किया कि राफेल मामले में अदालत का हाल ही में दिया फैसला केवल चुनिंदा दस्तावेजों की कानूनी वैधता को लेकर था। शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 23 अप्रैल तय की है।

राहुल गांधी ने ये दिया था बयान।

बीती 10 अप्रैल को अमेठी से नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए राहुल गांधी ने शीर्ष अदालत का हवाला देकर कहा था कि अब सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ कर दिया है कि चौकीदार चोर है। उनका यही कथन अब उनके गले की हड्डी बन गया है।

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