राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर सामयिक कविता ‘विज्ञान एक प्रामाणिक ज्ञान’

  
Last Updated:  February 27, 2021 " 09:48 pm"

“विज्ञान तो है क्रमबद्ध व्यवस्थित ज्ञान।

कल्पनाओं और तथ्यों को यह देता सत्यापित प्रमाण॥

विज्ञान देता जीवन के हर क्षेत्र में सहयोग।

अनवरत देता नवीन सिद्धांतों पर प्रयोग॥

वर्तमान समय विज्ञान बिना है अकल्पनीय।

इसकी नवीन खोजों की उपयोगिता है सराहनीय॥

विज्ञान है नवीन अन्वेषण का जनक।

टेक्नोलॉजी के संग देता है विकास की दस्तक॥

विज्ञान ने स्वास्थ्य को दिया व्यापक संसार।

मानवहित में यह सिद्ध हुआ मददगार॥

विज्ञान है खोज की दिशा में अनवरत कदम।

प्रमाण और संपुष्टी दूर करती ज्ञान के भ्रम॥

विज्ञान ने शल्य चिकित्सा में भी जोड़े नए आयाम।

पर विकास की दिशा में करना है अनेक काम॥

विज्ञान दे रहा दिन-प्रतिदिन नवीन अविष्कार।

विज्ञान के उन्नत योगदान से होंगे नवीन चमत्कार॥

विज्ञान हमेंशा नवीन खोज पर देता है बल।

सकारात्मक दिशा में कार्य करके बनना है संबल॥

डॉ. रीना कहती विज्ञान को राष्ट्रहित में करें उपयोग।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विज्ञान और आध्यात्म का करें योग॥“

डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)

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