आल इंडिया रिटायरी फेडरेशन की मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़ स्टेट कमेटी की फाउंडेशन कांफ्रेंस में उठाई गई मांग।
इंदौर : बैंकों के राष्ट्रीयकरण की 54 वी वर्ष गांठ पर जाल सभागृह में आल इंडिया बैंक रिटायर्स फेडरेशन की मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ स्टेट कमेटी की फाउंडेशन कान्फ्रेस आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीएसएम देशपांडे, अध्यक्ष AIBRF व शरबत चंद जैन, महासचिव AIBRF थे। अध्यक्षता डॉ. आर डी यादव ने की।
इस मौके पर संबोधन में देशपांडे ने कहा कि वर्ष 1994 में सेवानिवृत बैंक कर्मियों ने आल इंडिया बैंक रिटायरस फेडरेशन की स्थापना की थी ,उस समय मात्र 4 हजार सदस्य थे जो आज 2823 में बढ़कर 3 लाख हो गए है। फेडरेशन 17 राज्यों में काम कर रही है और इस से 34 बैंक जुड़े हैं।
ये रखी मांग।
देशपांडे के अनुसार हमारी सरकार से मुख्य मांग है रिटायर्ड बैंककर्मियों की पेंशन को अपग्रेडेशन किया जाए,बेहतर चिकित्सा सुविधा और महंगाई भत्ता दिया जाय।
महासचिव शरबत जैन ने कहा कि हम आशावादी है की सरकार हमारी मांग को पूरा करेगी।
उन्होंने कहा कि रिटायर्ड बैंककर्मियो को इतनी कम पेंशन मिल रही है कि उससे बेहतर जीवन नही दिया जा सकता जबकि सामाजिक सुरक्षा का सबसे बड़ा साधन पेंशन है।
शरबत जैन ने आगे कहा कि 54 वर्ष पहले जब बैंको का राष्ट्रीयकरण हुआ था उसमे बैंक कर्मियों की भी भूमिका रही।इस पर हर बैंककर्मी को गर्व होना चाहिए। खासकर रिटायर्ड लोगों को।आज राष्ट्रीयकृत बैंक करोड़ों का लाभांश कमा रही है।अत रिटायर्ड बैंक कर्मियों को सम्मानजनक पेंशन मिलना ही चाहिए।भारत आज दुनिया की 5 वी अर्थव्यवस्था है।आने वाले वर्षो में वह तीसरी पायदान पर होगा।
इस मौके पर आल इंडिया बैंक रिटायरी फेडरेशन की मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ स्टेट कमिटी में 34 पदाधिकारी चुने गए। आर डी यादव , चेयरमैन, किशोर धर्माधिकारी अध्यक्ष व शरद व्यास महासचिव चुने गए। कान्फ्रेस में श्याम कस्तुरे, चौरे, नवीन मोदी, प्रकाश शर्मा,नंदलाल माहेश्वरी,भगवानदास खेरवानी,आर एन पहारिया ने भी अपने विचार रखे। कॉन्फ्रेस में इंदौर सहित जबलपुर, देवास उज्जैन,रायपुर,भोपाल इटारसी आदि शहरों से 340 सदस्यों ने भाग लिया।कान्फ्रेस का संचालन शरद व्यास ने किया।आभार मुकेश भट्ट ने माना।