लता मंगेशकर अलंकरण से सम्मानित किए गए संगीतकार उत्तम सिंह और पार्श्व गायिका चित्रा

  
Last Updated:  September 29, 2024 " 06:09 pm"

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सम्मान स्वरूप शॉल श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और दो – दो लाख रुपए सम्मान निधि के चेक भेंट कर किया सम्मानित ।

सम्मान समारोह में पार्श्व गायिका के एस चित्रा ने गीतों की सुमधुर प्रस्तुति दी।

इंदौर : स्वर कोकिला भारत रत्न स्व. लता मंगेशकर का नाम अद्वितीय, कालजयी गायिका के रूप इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज है। उन्होंने अपने जीवन में अनेक उतार चढ़ाव देखे।अथक संघर्ष कर उन्होंने संगीत के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई। उनके जीवन के विविध पक्ष और जीवटता उनकी आवाज में सुनाई देती है, यही कारण है कि उनके नाम से दिए जानेवाले अलंकरण सम्मान समारोह में पांच पीढियां मौजूद हैं।

यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान अलंकरण समारोह एवं संगीत संध्या के अवसर पर कही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लता दीदी ने कई पीढ़ी के गायकों के साथ सुमधुर गीत गाए। माँ सरस्वती को हमने ना देखा और ना सुना है, लेकिन लता जी की सुमधुर आवाज को सुन कर हमें साक्षात वीणा वादिनी का अहसास और स्पंदन होता है। उनकी जीवटता और उनके जीवन की यात्रा से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने स्वर साधना के मार्ग को अपनाकर ख्याति पाई। उन्होंने आजादी के पहले और उसके बाद के कालखंड की विविधता को रेखांकित करते सुमधुर गीत गाकर अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने अन्य कलाकारों के हक के लिये भी लड़ाई लड़ी। लता जी ने पूरी दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ाया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर का भाई-बहन का रिश्ता था। लता दीदी के सम्मान में उनकी अंतिम यात्रा में वे स्वयं पहुंचे। उन्होंने कहा कि हॉउस ऑफ कामन में प्रस्तुति देकर भारत का गौरव लता दीदी और सुश्री के.एस. चित्रा ने बढ़ाया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान अलंकरण समारोह के माध्यम से संगीतकार उत्तम सिंह एवं पार्श्व गायिका सुश्री के.एस. चित्रा की स्वर साधना को लता अलंकरण सम्मान प्रदान करते हुए वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा दोनो कलाकार संगीत के विश्वविद्यालय स्वरूप हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लता मंगेशकर अलंकरण समारोह प्रतिवर्ष आयोजित किया जाए

इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वर्ष 2022 के लिए संगीत-निर्देशन के क्षेत्र में उत्तम सिंह और वर्ष 2023 के लिए पार्श्व गायन के क्षेत्र में के.एस. चित्रा को राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान अलंकरण से सम्मानित किया। उन्होंने श्री सिंह एवं सुश्री चित्रा को सम्मान स्वरूप शाल-श्रीफल, प्रशस्ति पत्र एवं 2 लाख रुपए सम्मान राशि का चेक भेंट किया।

राज्य शासन के संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से यह सम्मान समारोह इंदौर स्थित लता मंगेशकर सभागृह में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में राज्य शासन के संस्कृति, पर्यटन एवं धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने कार्यक्रम की रूप रेखा प्रस्तुत की। समारोह में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास केन्द्रीय राज्यमंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विशेष अतिथि स्थानीय विधायकगण रमेश मेंदोला, श्रीमती मालिनी गौड़, सुश्री उषा ठाकुर, गोलू शुक्ला, गौरव रणदिवे आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह, मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग के डायरेक्टर एन.पी. नामदेव सहित बड़ी संख्या गणमान्यजन एवं दर्शक उपस्थित रहे।

सम्मान समारोह के बाद पार्श्व गायिका सुश्री के एस चित्रा ने अपने समूह के साथ सुमधुर गीतों की प्रस्तुति दी।उन्होंने खासकर एआर रहमान के संगीतबद्ध गीतों को शिद्दत के साथ पेश किया। उनकी आवाज का जादू श्रोताओं के सिर चढ़कर बोला, हर गीत पर उन्हें श्रोताओं की भरपूर दाद मिली। संगीतकार उत्तम सिंह ने भी अपना संगीतबद्ध किया और जगजीत सिंह द्वारा गाया गीत चिट्ठी न कोई संदेश पेश किया।

छोटा पड़ गया हॉल।

आईडीए द्वारा निर्मित लता मंगेशकर ऑडिटोरियम की कुल क्षमता 12 सौ सीटों की है पर अलंकरण समारोह में हजारों श्रोता पहुंचे, जिसे जहां जगह मिली, बैठ गया और सुश्री चित्रा के सुरीले गीतों का आनंद लिया। हॉल के बाहर लगी स्क्रीन के सामने भी सैकड़ों लोग बैठे थे। इससे यह बात तो साबित हुई की लता अलंकरण जैसा समारोह अभय प्रशाल या बासकेटबॉल स्टेडियम जैसे बड़े था पर ही आयोजित किया जाना चाहिए जिससे अधिकाधिक संगीतप्रेमी उसका लुत्फ उठा सके।

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