इंदौर : 15 दिन पहले लसूङिया थाना क्षेत्र के कंचन विहार में हुई डकैती की वारदात का खुलासा करते हुए क्राइम ब्रांच ने डकैती में शामिल चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने हवाला के करोड़ों रुपए होने की सूचना पर कारोबारी कैलाशचंद्र गोयल के घर डकैती की वारदात को अंजाम दिया था।
रैकी कर दिया था वारदात को अंजाम।
दरअसल क्राइम ब्रांच को मुखबिर से जानकारी मिली थी कि महाराज सिंह नागर व उसके साथियों ने रैकी कर वारदात को अंजाम दिया है । उक्त सूचना पर लसूडिया पुलिस के साथ मुखबिर के बताए गए स्थान पर घेराबन्दी कर संदेही को पकड़ा गया। पूछताछ में उसने अपना नाम महाराज सिंह नागर पिता रमोले नागर उम्र-44 वर्ष निवासी-30 महंत कॉम्पलेक्स थाना-मल्हारगंज के पीछे जिला-इन्दौर का होना बताया ।
आरोपी महाराज सिंह नागर से कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने बताया कि के.सी. गोयल निवासी-कंचन विहार की मालिश करने वाले रवि तिवारी नाम के व्यक्ति को लाने ले जाने के बहाने उसने 15 दिन तक रैकी की थी । रैकी के दौरान उसने अपने मित्र मुकेश परमार को केसी गोयल व उसके बंगले में रखे रूपयों की जानकारी दी। महाराज सिंह नागर व मुकेश परमार ने उक्त जानकारी संजय खरे को दी ।
आरोपी महाराज सिंह नागर से मुकेश परमार के बारे में पूछताछ कर उसके बताए गए स्थान की घेराबंदी कर आरोपी मुकेश को भी धर- दबोचा गया। पूछने पर उसने अपना नाम मुकेश परमार पिता रतनलाल परमार उम्र-38 वर्ष निवासी-239 अम्बिकापुर खाटु श्याम मंदिर के पास इन्दौर का होना बताया ।
आरोपी मुकेश परमार ने बताया कि उसने व महाराज सिंह नागर ने मिलकर रैकी कर जो जानकारी एकत्रित की थी उसे संजय खरे को दी गई थी। संजय खरे ने अपने जाति भाई हुकुम मेहतर के माध्यम से कंजर कृष्णा से संपर्क किया और वारदात की योजना बनाई । योजना बनाने के बाद वापस इन्दौर आकर संजय खरे ने अपने साथी गोविन्द ठाकुर व अन्य 03 लोगों को एकत्रित कर एक टीम बनाई जिनके बारे में संजय खरे ही जानता है ।
आरोपी महाराज सिंह नागर व मुकेश परमार से कृष्णा कंजर के बारे में पूछताछ कर उसके द्वारा बताए गए स्थान पर छापा मारकर कृष्णा कंजर को पकड़ा गया। उसने अपना पूरा नाम कृष्णा पिता कोकसिंह गोदेन जाति-कंजर उम्र-42 वर्ष निवासी- भैरवाखेडी तहसील-टोंकखुर्द जिला-देवास का होना बताया ।
आरोपी कृष्णा कंजर से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि आरोपी संजय खरे से सम्पर्क उसके जाति भाई हुकुम मेहतर के माध्यम से हुआ था। संजय खरे ने ही इन्दौर में डकैती की योजना बनाई थी जिसमें करोडों रूपए मिलने की संभावना है। आरोपी संजय खरे के कहने पर वो डकैती के लिये राजी हो गए।
परिवार को बंधक बनाकर डाली थी डकैती।
उक्त सभी आरोपियों द्वारा एक मारूती सुजुकी कम्पनी की ईको गाडी के माध्यम से घटना स्थल पर जाकर घटना को अंजाम दिया गया था। यह गाडी संजय खरे के द्वारा उपलब्ध कराई गई थी। घटना में प्रयुक्त हथियार भी संजय खरे व गोविन्द के द्वारा उपलब्ध कराया गया।
आरोपी संजय पिता नाथुलाल खरे व गोविन्द सिंह पिता मानसिंह थाना-अन्नपूर्णा के अपराध क्रमांक-253/20 धारा-392 भा.द.वि. के अपराध में जिला जेल इन्दौर में बन्द हैं।
डकैती में मिले रुपयों की कर ली थी बंदरबाट।
डकैती में प्राप्त रूपयों को कृष्णा कंजर के निवास स्थान पर घटना के कुछ दिनों के बाद आरोपियों ने आपस में बांट लिया था।आरोपी महाराज सिंह नागर व कृष्णा कंजर ने यह भी बताया गया कि शेष राशि, सोने की चेन व चांदी के सिक्के संजय खरे के पास हैं।
आरोपी कृष्णा कंजर के कब्जे से घटना में प्रयुक्त एक देशी कट्टा मय कारतूस, आरोपी हुकुम मेहतर से 01 चाकू, आरोपी महाराज सिंह नागर से 01 डंडा, आरोपी मुकेश परमार से 01 रॉड जप्त किए गए।
आरोपी संजय खरे व गोविन्द ठाकुर जो थाना-अन्नपूर्णा के अपराध क्रमांक-253/20 धारा-392 भा.द.वि. के अपराध में वर्तमान में जिला जेल इन्दौर में निरूद्ध हैं, उनसे प्रोडक्शन वारंट के जरिये पी.आर. प्राप्त कर घटना में शामिल अन्य 03 आरोपियों के बारे में पूछताछ की जाएगी। उक्त आरोपियों द्वारा कारित की जाने वाली अन्य घटनाओं का खुलासा होने की संभावना है ।