लेखन के साथ अध्ययन पर भी ध्यान दें रचनाकार

  
Last Updated:  December 26, 2022 " 03:45 pm"

डाॅ तिवारी स्मृति सम्मान समारोह में बोले डाॅ. पगारे।

इंदौर : वरिष्ठ शिक्षक और लेखक डाॅ. एस.एन. तिवारी की स्मृति में रचनाकारों का सम्मान समारोह रविवार शाम मध्य भारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के शिवाजी सभागार में संपन्न हुआ। साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए समारोह में सम्मानित किए गए वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. शरद पगारे ने रचनाकारों से लिखने के साथ ज्यादा से ज्यादा पढ़ने की आदत डालने का आह्वान किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत और कला अकादमी, मध्यप्रदेश के निदेशक जयंत भिसे ने उन दिनों को याद किया जब अखबारों के पन्नों पर साहित्य को ज्यादा जगह मिलती थी।

विशेष अतिथि हिंदी मासिक पत्रिका वीणा के संपादक राकेश शर्मा ने साहित्य पत्रकारिता के अतीत और वर्तमान पर विचार रखे। इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने पिछले कुछ वर्षों में इंदौर में साहित्यिक गतिविधियों के विस्तार को सुखद बताया।अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम वाजपेयी ने की।

इन रचनाकारों का किया गया सम्मान।

समारोह में डाॅ शरद पगारे के अलावा मनोज कुमार (भोपाल), संतोष सुपेकर (उज्जैन), डाॅ. सोनाली सिंह (इंदौर) को विधा आधारित, श्रीमती अर्चना मंडलोई (इंदौर) व श्रीमती नीलम तोलानी (इंदौर) को कृति आधारित सम्मान दिया गया। युवा रचनाकार सम्मान से गौरव साक्षी ( राजगढ़, धार) सम्मानित हुए। डाॅ. मिथिलेश दीक्षित (लखनऊ) को भी विशिष्ट योगदान सम्मान दिया गया। उनकी अनुपस्थिति में श्रीमती सुषमा दुबे ने सम्मान ग्रहण किया। श्री अविनाश अग्निहोत्री के लघुकथा संग्रह – अंतर की पीर का विमोचन भी इस मौके पर किया गया।

आयोजन समिति के संयोजक मुकेश तिवारी ने हर वर्ष आयोजित किए जाने वाले इस सम्मान समारोह का ब्यौरा दिया। आयोजन में सहयोगी संस्था विचार प्रवाह साहित्य मंच की ओर से स्वागत भाषण श्रीमती सुषमा दुबे ने दिया। संचालन डाॅ. अमृता अवस्थी ने किया। आभार देवेन्द्र सिंह सिसौदिया ने माना। समारोह में साहित्य, शिक्षा , पत्रकारिता जगत के अनेक प्रमुख लोग और बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद थे।

सम्मान-सत्र के बाद लघुकथा मंथन सत्र और लघुकथा पाठ हुआ। शिक्षाविद् डाॅ. संगीता सिंघानिया भरूका मुख्य अतिथि और डाॅ. योगेन्द्रनाथ शुक्ल विशेष अतिथि थे। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार सूर्यकांत नागर ने की। सत्र में लघुकथा के आज पर चर्चा हुई। विषय प्रवर्तन देवेंद्र सिंह सिसौदिया ने और संचालन श्रीमती अर्चना मंडलोई ने किया। मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा अखिल भारतीय नारद मुनि सम्मान के लिए चयनित डाॅक्टर अर्पण जैन का स्वागत किया गया।

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