इन्दौर : महिला व बाल अपराधों के प्रकरणों में वैज्ञानिक साक्ष्यों का उपयोग कर, विवेचना को और बेहतर व गुणात्मक तरीके से करते हुए, अपराधियों के विरूद्ध प्रभावी और कड़ी कार्रवाई की जा सके इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, महिलाओं के विरूद्ध लैंगिक अपराध में फोरेंसिक साक्ष्यों के महत्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालती, पुस्तक ‘‘लैंगिक अपराधों की वैज्ञानिक विवेचना- एक परिचय’’ का विमोचन, पुलिस आयुक्त इन्दौर नगर हरिनारायणचारी मिश्र द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम इंदौर में किया गया। पुस्तक को इन्दौर पुलिस परिवार के सदस्यों अति. पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) इंदौर मनीषा पाठक सोनी, वैज्ञानिक अधिकारी आर.एफ.एस.एल. राऊ इंदौर अविनाश पुरी एंव वरिष्ठ अधिवक्ता/लेखिका डॉ. पूजा खेत्रपाल द्वारा लेखबद्ध किया गया है। यह पुस्तक महिलाओं एवं बालिकाओं के विरूद्ध लैंगिक अपराध में फोरेंसिक साक्ष्यों के महत्व को दर्शाती है। इन प्रकरणों की बेहतर व उच्च गुणवत्ता की विवेचना किस प्रकार से की जाए तथा इन अपराधाों में न्यायालयीन कार्यप्रणाली के संबंध में विस्तृत जानकारी से अवगत कराती है।
इस पुस्तक में सभी प्रकार के अपराधों एवं महिला अपराधों में फोरेंसिक साक्ष्य के महत्व, इन्हें सहेजने व अपराधों की विवेचना में इनका प्रयोग किस प्रकार से किया जाए, क्या सावधानी बरती जाए तथा जांच के दौरान प्राप्त साक्ष्यों के वैज्ञानिक पहलुओं का विशेष ध्यान रखने, घटना स्थल से साक्ष्यों का किस प्रकार से संकलन करें, घटना स्थल के निरीक्षण के समय की बारीकियों के बारे में भी सरल व आसान भाषा में बताया गया है। इन प्रकरणों में डीएनए परीक्षण किस प्रकार सहायक हो सकता है। इन प्रकरणों की विवेचना में किस प्रकार की न्यायालयीन कार्रवाई की जाए, कि अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जा सके इस पर भी विशेष रूप से प्रकाश डाला गया है। इसमें मनीषा पाठक सोनी द्वारा प्रकरणों में पुलिस की कार्रवाई, अविनाश पुरी द्वारा अपराधों में फोरेसिंक साक्ष्यों के संकलन व कार्रवाई तथा डॉ. पूजा खेत्रपाल द्वारा इन प्रकरणों की न्यायालयीन कार्यप्रणाली के बारें में बड़े ही आसान व सरल शब्दों में लिपिबद्ध किया गया है।
अपराधों की विवेचना में सहायक होगी पुस्तक।
पुस्तक के विमोचन के अवसर पर पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध अपराध बहुत ही संवेदनशील होते है, अतः इनको अत्यंत गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इनमें हर स्तर पर बारीकी से जांच होनी चाहिए, इसमें थोड़ी सी चूक भी अपराधी के बचाव में सहायक हो सकती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए पुलिस परिवार के सदस्यों ने यह पुस्तक लिखी है, जो अपराधों की विवेचना में एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होने कहा कि इस पुस्तक की एक और विशेषता है कि यह हमारी मातृभाषा हिंदी में है, क्योंकि अभी तक इस विषय पर केवल अंग्रेजी भाषा में ही पुस्तक उपलब्ध थी, इस कारण हमारे विवेचना अधिकारियों को उनको समझने में दिक्कतें होती थी। यह पुस्तक विवेचना अधिकारियों के लिए यह पुस्तक बहुत ही महत्वपूर्ण व उपयोगी सिद्ध होगी।
इन्दौर पुलिस परिवार के सदस्यों द्वारा रचित उक्त पुस्तक के विमोचन के अवसर अति. पुलिस आयुक्त इंदौर मनीष कपूरिया, पुलिस उपायुक्त इंदौर ज़ोन-1 अमित तोलानी, पुलिस उपायुक्त इंदौर ज़ोन-2 संपत उपाध्याय, पुलिस उपायुक्त इंदौर ज़ोन-3 धर्मेंद्र सिंह भदोरिया, पुलिस उपायुक्त इंदौर ज़ोन-4 राजेश सिंह, पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) इंदौर निमिष अग्रवाल,पुलिस उपायुक्त (यातायात प्रबंधन) इंदौर महेशचंद जैन सहित सभी अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त व अन्य पुलिस अधिकारियों ने उक्त पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा कि, विवेचकों के लिए यह पुस्तक बहुत महत्वपूर्ण एवं उपयोगी साबित होगी।