लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए 60 खंडपीठों का गठन

  
Last Updated:  May 14, 2022 " 12:14 am"

इन्दौर : म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष महोदय सुबोध कुमार जैन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, इन्दौर के मार्गदर्शन में दिनांक 14 मई-2022 (शनिवार) को जिला न्यायालय, इन्दौर, श्रम न्यायालय, परिवार न्यायालय व तहसील स्तर पर तहसील न्यायालय, डॉ. अम्बेडकर नगर, देपालपुर, सांवेर व हातौद में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरण राजीनामे हेतु रखे गए हैं। इनके अंतर्गत राजीनामा योग्य आपराधिक 932, सिविल 501, मोटर दुर्घटना क्लेम 1725, विद्युत 2140, चेक बाउंस 6850, वैवाहिक 771, श्रम 459, अन्य 528 प्रकरणों के साथ ही बैंक रिकवरी 26462, विद्युत 241, जलकर 1234 व अन्य 1914 प्रकरण राजीनामे के आधार पर निराकरण हेतु रखे जा रहे हैं।
न्यायालय में लंबित एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के लोक अदालत में निराकरण हेतु जिला न्यायालय, इन्दौर में 38 खण्डपीठ, लोकोपयोगी लोक अदालत की 01 खंडपीठ, श्रम न्यायालय की 01 खंडपीठ, कुटुम्ब न्यायालय में 04 खंडपीठ तथा तहसील डॉ. अम्बेडकर नगर में 09 खंडपीठ, देपालपुर में 04 खंडपीठ, सांवेर में 02 खंडपीठ एवं हातौद में 01 खंडपीठ इस प्रकार कुल 60 खंडपीठ का गठन किया गया है।

लोक अदालत में विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को नियम एवं शर्तों के अधीन प्रीलिटिगेशन एवं लीटिगेशन स्तर पर छूट दी जाएगी। भारत संचार निगम लिमिटेड द्वारा लैंडलाइन, ब्रॉडबेंड, एफ.टी.टी.एच. सहित मोबाइल, पोस्टपेड के बकाया बिलों पर भी नियमानुसार छूट दी जा रही है। नगर निगम द्वारा संपत्ति एवं जलकर के सरचार्ज में राहत दी जा रही है।

लोक अदालत में राजीनामे के आधार पर प्रकरण के निराकरण पर पक्षकार द्वारा अदा की गई कोर्ट फीस शासन से वापस प्राप्त की जा सकेगी। इसी प्रकार चेक बाउंस के मामलों में भी समझौता शुल्क में विवेकानुसार छूट रहेगी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, इन्दौर ऐसे सभी व्यक्तियों से जिनके राजीनामा योग्य प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है या प्रीलिटिगेशन मामला है से अपील करता है कि दिनांक 14 मई, 2022 को न्यायालय परिसर में उपस्थित होकर सुलह समझौते के आधार पर अपने प्रकरण का निराकरण कराने हेतु लोक अदालत में उपस्थित रहें।

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