भोपाल: सचिवालय में हर माह की पहली तारीख को वंदेमातरम गायन की परंपरा पर रोक लगाकर कमलनाथ सरकार ने बेवजह की मुसीबत मोल ले ली है। बीजेपी ने इसे प्रदेशव्यापी मुद्दा बनाते हुए सीएम कमलनाथ की चौतरफा घेराबंदी कर दी है।
पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कमलनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस को राष्ट्रगीत गाना नहीं आता या गाने में शर्म आती है तो बताएं। वे खुद जनता के साथ सचिवालय में वंदेमातरम गाएंगे। शिवराजजी ने ऐलान किया कि बीजेपी के सभी 109 विधायक 7 जनवरी को सचिवालय में वंदेमातरम गाएंगे।
प्रदेशव्यापी आंदोलन
सचिवालय में वंदेमातरम गाने पर रोक लगाए जाने के खिलाफ बीजेपी ने प्रदेशव्यापी आंदोलन का भी शंखनाद कर दिया है। बुधवार को भोपाल में बड़ी तादाद में पार्टी कार्यकर्ता सचिवालय के बाहर जमा हुए और सामूहिक रूप से राष्ट्रगीत गाकर कमलनाथ सरकार के फैसले का विरोध किया। इस दौरान पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, विश्वास सारंग और रामेश्वर पटेल प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
इधर इंदौर में भी भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने गांधी प्रतिमा पर राष्ट्रगीत गाया। उन्होंने सीएम कमलनाथ के वंदेमातरम पर रोक लगाने के निर्णय को तुष्टिकरण का परिचायक बताया।
अलग रूप में शुरू करेंगे वंदेमातरम- कमलनाथ
उधर सीएम कमलनाथ ने अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि मंत्रालय में हर माह की पहली तारीख को वंदेमातरम के गायन पर रोक अस्थायी रूप से लगाई गई है। इसे एक अलग रूप में शुरू किया जाएगा। राष्ट्रगीत हमारे दिल की गहराइयों में बसा है।
सीएम कमलनाथ ने सवाल किया कि क्या वंदेमातरम नहीं गानेवाले देशभक्त नहीं हैं..? उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी है। उसे किसी से देशभक्ति के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। इसतरह की बातें वास्तविक मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए थोपी जाती हैं।