विकृतियों से बच्चों की सुरक्षा हमारा नैतिक दायित्व- डीआईजी

  
Last Updated:  July 7, 2021 " 12:36 am"

इंदौर : बाल अपराध निवारण, उनकी सुरक्षा व देखभाल तथा उनके बेहतर संरक्षण के उद्देश्य से शासन द्वारा विभिन्न कानूनी प्रावधान एवं योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार, यूनिसेफ मध्यप्रदशे भोपाल के सहयोग से इन्दौर पुलिस द्वारा राजपत्रित अधिकारियों, थाना प्रभारियों, विवेचकों, जिले के विशेष पुलिस किशोर इकाई और बाल कल्याण अधिकारियों के लिए 6 दिनों तक चलने वाली ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला का उद्धघाटन पुलिस महानिरीक्षक इंदौर ज़ोन इन्दौर हरिनारायण चारी मिश्र के मार्गदर्शन में और पुलिस उप महानिरीक्षक शहर इंदौर मनीष कपूरिया की अध्यक्षता में किया गया।

कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) अरविंद तिवारी, यूनिसेफ मध्य प्रदेश के बाल सुरक्षा विशेषज्ञ लाॅलीचेन पी. जोसेफ, यूनिसेफ के प्रशिक्षक अमरजीत कुमार सिंह, अति. पुलिस अधीक्षक मुख्यालय मनीषा पाठक सोनी सहित अन्य राजपत्रित अधिकारी, थाना प्रभारी के साथ जिला इन्दौर के विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, तथा अन्य पुलिस के प्रशिक्षणार्थी अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहें।

कार्यशाला के विषय व रूपरेखा के बारें में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए एरसपी मुख्यालय ने बताया कि 06 जुलाई से 13 जुलाई 2021 तक प्रतिदिन एक -एक दिवस की ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें लगभग 600 से ज्यादा विवेचको को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होनें
बच्चों के हितो के लिये कार्यरत् संस्थाओं व उनके लिए विभिन्न कानूनी प्रावधानों के बारें में परिचयात्मक जानकारी दी।

बच्चों को विकृतियों से बचाना हमारा नैतिक दायित्व।

इस अवसर पर डीआईजी इंदौर मनीष कपूरिया ने कहा कि किसी भी देश व समाज का भविष्य बच्चे ही हैं। वर्तमान परिदृश्य में समाज में जो भी विकृतियां आ रही हैं, उनसे बच्चों को बचाते हुए, उनके हितों की रक्षा एवं संरक्षण हम सभी का नैतिक कर्तव्य हैं, जिसमें समाज के सभी वर्गो के साथ पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। बच्चें अपराध जगत में प्रवेश न करे व उनके साथ कोई अपराध हो तो पुलिस क्या करें व क्या नहीं, ये ही हमें इन बच्चों के लिए बनाए गए नए कानून सिखाते है। अतः हमें सर्वप्रथम बच्चों के संरक्षण के लिये, उनको पारिवारिक माहौल प्रदान कर, उनकी समस्याओं को सुनना व समझना है। उन्होने सभी प्रशिक्षकों को इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यशाला का पूरा लाभ लेते हुए, ध्यान व लगन के साथ सीखने के लिये प्रेरित किया।

कार्यशाला में इन विषयों का दिया जा रहा प्रशिक्षण।

इस 06 दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला मे अतिथि विषय विशेषज्ञों द्वारा उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारियां प्रदान की जा रही हैं।

बाल अधिकारों, उनके संरक्षण व बच्चों की सुरक्षा और देखभाल के लिए दिए गए विधिक प्रावधानों एवं सामुदायिक पुलिसिंग के तहत कार्रवाई के लिए पुलिस अधिकारियों में इसके बारें में आवश्यक समझ एवं दृष्टिकोण का निर्माण।

कानूनी प्रावधानों जेजे एक्ट, पोक्सो एक्ट, किशोर न्याय आदि की तकनीकि जानकारी।

बाल अपराध को रोकने के लिए किए जाने वाले प्रभावी उपाय एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के पुनर्वास आदि के लिए किए जाने वाले प्रयास।

बाल भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम के साथ ही बाल विवाह की रोकथाम हेतु उठाए जाने वाले आवश्यक कदम।

कार्यशाला का संचालन और आभार प्रदर्शन अति पुलिस अधीक्षक मुख्यालय मनीषा पाठक सोनी ने किया।

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