इंदौर: मोदी सरकार का आखरी बजट आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया गया है। प्रभारी वित्त मंत्री ने सभी वर्गों को इस अंतरिम बजट के जरिये लुभाने का प्रयास किया है। आखिर कैसा है ये बजट…? क्या खास है इस बजट में..? यही जानने का प्रयास हमने प्रबुद्ध वर्ग के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों से किया।
वरिष्ठ पत्रकार और फ्री प्रेस नई दिल्ली के संपादक अभिलाष खांडेकर से जब हमने बजट पर प्रतिक्रिया चाही तो उनका कहना था कि ये संतुलित और चुनावी बजट है। 5 लाख से ज्यादा आय वाले मध्यम वर्ग के लिए बजट में कुछ नहीं है।किसान और सुरक्षा के लिहाज से बजट अच्छा है पर स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर ज्यादा कुछ बजट में नहीं है।
दैनिक प्रजातंत्र के वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश हिंदुस्तानी का कहना है कि यह बजट बहुत सुविचारित और सभी वर्ग की अपेक्षाओं को पूरा करने के इरादे से बनाया गया प्रतीत होता है। मध्यम वर्ग, श्रमिक वर्ग, किसानों और छोटे कामकाजी लोगों को इसमें राहत दी गई है। आम लोगों ने जितनी आशा की थी, इस बजट में उससे कहीं ज़्यादा देने की कोशिश की गई है।
नई दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े का मानना है कि किसानों को ₹6000 का कैश ट्रांसफर. मिडिल क्लास के लिए इनकम टैक्स में छूट और मजदूरों के लिए पेंशन और बोनस जैसी घोषणाओं से मोदी सरकार ने इस अंतरिम बजट को चुनावी बजट बना दिया है। यह अंतरिम नहीं पूर्ण बजट था। यह 3 घोषणा छोड़ बाकी योजनाओं के बारे में क्रियान्वयन पर सवाल उठाए जा सकते हैं। कुल मिलाकर मोदी ने विपक्ष को अपनी रणनीति को बदलने के लिए मजबूर किया है। इस बजट में 2019 के चुनाव दिलचस्प बना दिया है।
दैनिक अवंतिका के संपादक कीर्ति राणाजी का कहना है कि
देखा जाए तो यह है तो अंतरिम बजट लेकिन मैं इसे उदार बजट कहना चाहूँगा।मोदी सरकार को चुनाव में किसानों, मध्यम वर्ग, मजदूरों, कर्मचारी आदि सभी के वोट चाहिए, इसलिए सभी के हित में घोषणाएँ की हैं।
हर खाते में पंद्रह लाख का चुनावी वादा तो वादा ही रहा लेकिन दो हेक्टर वाले किसान के खाते में कुल 6 हजार रु, 5 लाख तक कि आय पर कर में छूट, ग्रेच्युटी को दस से बढ़ाकर बीस लाख करना ये सब ऐसी घोषणाएँ हैं जो बीते चार साल के बजट में जेटली नहीं कर पाए जो कार्यवाहक वित्तमंत्री गोयल ने कर दिखाया।इस बजट में यह संकेत भी छुपा है कि तीन राज्यों में बनी कांग्रेस की सरकार से मोदी सरकार घबराई हुई है।
बीजेपी नेता गोविंद मालू ने कहा कि ये आम जनता में उत्साह और विश्वास बढ़ाने वाला बजट है। कुशल वित्तीय प्रबंधन के साथ बजट घाटे को नियंत्रित रखने में भी वित्त मंत्री पीयूष गोयल सफल रहे। यह गरीब, किसान, श्रमिक और मध्यम वर्ग का बजट है जो विकास को नई दिशा देगा।
समाजसेवी जयंत भिसे के अनुसार मोदी सरकार का ये मास्टर स्ट्रोक कहा जा सकता है। सभी वर्गों को बजट में सौगातें दी गई हैं।
कलाकार बिरादरी से जुड़े संजय पटेल का कहना है कि ये किसान और मध्यम वर्ग के लिए बहुत अच्छा बजट है। करमुक्त आय की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए किये जाने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। मध्यम वर्ग को इससे बड़ी राहत मिली है। यही कदम पहले उठाए गए होते तो 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम कुछ और हो सकते थे।
डॉ. लता भट्टाचार्य के अनुसार इस बार के बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख करने का सीधा लाभ सर्विस क्लास को होगा। इसके अलावा किसानों के खाते में 6 हजार डालने और श्रमिकों के लिए पेंशन का प्रावधान भी बजट को लोक लुभावन बनाता है।
विपक्ष को चुनावी रणनीति बदलने पर मजबूर करेगा ये बजट
Last Updated: February 1, 2019 " 01:58 pm"
Facebook Comments