विरोध के चलते टली निशांत खरे के नाम की घोषणा, स्थानीय नेताओं को बुलाया भोपाल

  
Last Updated:  June 14, 2022 " 06:28 pm"

इंदौर : पैराशूट प्रत्याशी थोपने का भारी विरोध होने के बाद बीजेपी प्रदेश नेतृत्व ने निशांत खरे को इंदौर से महापौर प्रत्याशी बनाने का फैसला टाल दिया। सोमवार को सीएम शिवराज सिंह की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद यह लगभग तय माना जा रहा था की डॉ. निशांत खरे ही इंदौर से बीजेपी के महापौर प्रत्याशी होंगे, लेकिन सीएम शिवराज के भोपाल लौटने तक परिस्थितियों ने करवट ले ली थी।

बाहरी प्रत्याशी का विरोध।

स्थानीय बीजेपी नेता इस बात पर एकमत थे की इंदौर के महापौर पद का प्रत्याशी स्थानीय ही होना चाहिए, कोई पैराशूट से उतारा हुआ बाहरी प्रत्याशी नहीं। उनका यह आक्रोश समर्थकों के जरिए सोशल मीडिया पर फुट पड़ा था। भोपाल पहुंचकर सीएम शिवराज बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे तो उनके कानों तक भी निशांत खरे के नाम पर विरोध के स्वर बुलंद होने की जानकारी पहुंचाई गई। बाद में वरिष्ठ नेताओं की बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी निशांत खरे के नाम पर ऐतराज जताते हुए इंदौर में प्रयोग न करने की नसीहत दी। मेंदोला नहीं तो खरे भी नहीं पर पेंच फंस गया। पार्टी में भारी विरोध को देखते हुए प्रदेश नेतृत्व ने निशांत खरे के नाम को होल्ड पर रख दिया।

स्थानीय नेताओं को बुलाया भोपाल।

निशांत खरे के नाम को लेकर हो रहे विरोध को देखते हुए बीजेपी प्रदेश नेतृत्व ने इंदौर के बीजेपी के वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक और नगर अध्यक्ष को रायशुमारी के लिए भोपाल बुला लिया। ये सभी नेता भोपाल पहुंच गए हैं।
बताया जाता है कि सभी से राय लेने के बाद इंदौर के महापौर पद के प्रत्याशी के बारे में फैसला लेकर अधिकृत घोषणा की जाएगी। मंगलवार देर रात तक इस बारे में स्थिति साफ होने की उम्मीद जताई जा रही है।

कौन है निशांत खरे..?

बता दें कि सोमवार को निशांत खरे को बीजेपी की ओर से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चाओं के जोर पकड़ने से कांग्रेस नेताओं में उत्साह की लहर दौड़ गई थी। वे यह मानने लगे थे की आधी लड़ाई वे जीत चुके हैं। शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने तो सीधे लफ्जों में कहा था कि वे किसी निशांत खरे नाम के व्यक्ति को नहीं जानते, न ही इंदौर की जनता जानती है। उन्होंने तो संजय शुक्ला के भारी बहुमत से जीतने का दावा भी कर दिया था।

बहरहाल, स्थानीय नेताओं के विरोध के चलते निशांत खरे की महापौर प्रत्याशी बनाने का इरादा बीजेपी नेतृत्व ने त्याग जरूर दिया है, ऐसे में अब किसको शहर का प्रथम नागरिक बनने की जंग लड़ने का मौका मिलता है, यह देखना दिलचस्प होगा।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *