वायु गुणवत्ता में सुधार और लोकल क्लाइमेट एक्शन में इंदौर के योगदान पर देंगे प्रेजेंटेशन।
इंदौर : महापौर पुष्यमित्र भार्गव विश्व जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन सीओपी-28 (कॉप28) में भाग लेने 30 नवंबर को दुबई पहुंचेंगे। सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस सहित कई राष्ट्र प्रमुख और विश्व के नेता भाग लेंगे।
वायु गुणवत्ता में सुधार और स्वच्छता पर देंगे प्रेजेंटेशन।
महापौर भार्गव क्लीन एयर कैटलिस्ट के साथ वायु गुणवत्ता में सुधार सहित लोकल क्लाइमेट एक्शन में इंदौर के योगदान पर सम्मेलन में प्रजेंटेशन देंगे।
बता दें कि भारत की “बेस्ट स्मार्ट सिटी” इंदौर ने वायु गुणवत्ता में सुधार, स्वच्छता और जल प्रबंधन जैसे मोर्चों पर बड़ी सफलता हासिल की है। भार्गव लोकल क्लाइमेट एक्शन समिट में इंदौर की इस सफलता और अनुभवों को साझा करेंगे। इससे जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से मुकाबले के लिए होने वाले दुनिया के सबसे बड़े आयोजन सीओपी-28 में इंदौर का नाम रोशन होगा।
आयोजन के दौरान 2 दिसंबर को क्लाइमेट एक्शन को लेकर अच्छा काम कर रहे दुनिया के विभिन्न देशों और शहरों के प्रतिनिधि समूह चर्चा में भाग लेंगे। ये प्रतिनिधि जलवायु परिवर्तन से जुड़े अलग-अलग मसलों से निपटने में अपने महत्वपूर्ण वादों और कार्रवाई का ब्यौरा देंगे।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक, “सीओपी-28 में वे इंदौर के मौजूदा क्लाइमेट टारगेट्स की जानकारी देते हुए बताएंगे कि हम साझेदारी और सहयोग के जरिये इन्हें कैसे हासिल करेंगे। इसमें इंदौर की वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए क्लीन एयर कैटलिस्ट के साथ साझेदारी और सहयोग के लिए इस्तेमाल किए जा रहे तौर-तरीकों का जिक्र शामिल होगा।”
सीओपी-28 प्रेसीडेंसी और ब्लूमबर्ग फ़िलैंथ्रोपीज़ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित, शिखर सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न देशों के शीर्ष और अन्य प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाकर चर्चा करना, क्लाइमेट फाइनेंस में क्रांति लाना, वैश्विक कार्रवाई को बढ़ावा देना, ऊर्जा उपयोग के बदलाव में तेजी लाना व स्थानीय स्तर पर लचीलापन और अनुकूल प्रयासों को मजबूत करना शामिल है।
क्लीन एयर कैटलिस्ट, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के सहयोग से चल रहा एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) और एन्वायर्नमेंटल डिफेंस फंड (ईडीएफ) के नेतृत्व में विभिन्न संस्थाओं की वैश्विक साझेदारी है। 2020 में शुरू किया गया यह कार्यक्रम वायु प्रदूषण को रोकने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और लोगों की सेहत में सुधार करने वाले स्थानीय स्तर के उपायों के लिए क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। कैटलिस्ट के प्रोजेक्ट्स के लिए इंदौर, जकार्ता और नैरोबी को चुना गया है।
भारत की “बेस्ट स्मार्ट सिटी” इंदौर ने वायु गुणवत्ता सुधार, स्वच्छता और जल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों बड़ी सफलता हासिल की है। लोकल क्लाइमेट एक्शन समिट में इंदौर की इस सफलता और अनुभवों को मेयर भार्गव के साझा करने से दुनिया के सबसे बड़े ग्लोबल प्लेटफॉर्म सीओपी-28 पर इंदौर का नाम अंकित होगा। पिछले वर्ष भार्गव ने मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित सीओपी-27 जलवायु सम्मेलन में भी ऑनलाइन संबोधित किया था। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए भार्गव ने बीते दिनों सफलतापूर्वक “नो कार डे” का आयोजन किया, चौराहों पर वायु प्रदूषण कम करने के लिए “रेड लाइट ऑन और इंजन ऑफ” को बढ़ावा दिया। उन्होंने होटलों और ढाबों लकड़ी-कोयले से जलने वाले तंदूर हटाने, इंदौर में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए वृक्षारोपण, वायु गुणवत्ता सुधार के लिए लगातार प्रयास और सभी त्योहार मनाते वक्त पर्यावरण का भी ध्यान रखने के लिए शहर के नागरिकों को प्रेरित किया।
ग्लासगो में सीओपी-26 के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन को लेकर कार्रवाई में भारत के योगदान के रूप में “पंचामृत” नामक पांच विशिष्ट लक्ष्यों की घोषणा की थी। इसके अलावा, उन्होंने पर्यावरण के लिए मिशन लाइफस्टाइल (LiFE) की शुरुआत की। भारत की जी20 की अध्यक्षता के दौरान जलवायु परिवर्तन एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है और कुछ परिणाम भी हासिल किए गए हैं। सीओपी-28 इन सफलताओं को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा।