इन्दौर : वर्तमान समय में बढ़ते सायबर अपराधों,ऑनलाइन ठगी की रोकथाम एवं पुलिस व बैंक के बीच बेहतर आपसी तालमेल व समन्वय के साथ नई तकनीकों का प्रयोग करते हुए कार्य करके, इन अपराधों पर नियत्रंण पाया जा सके इसी को ध्यान में रखते हुए, एचडीएफसी बैंक के सहयोग से इन्दौर पुलिस के लिये एक ऑनलाइन कार्यशाला आयोजन वेबमैक्स पर किया गया। पुलिस महानिरीक्षक इंदौर ज़ोन हरिनारायण चारी मिश्र की विशेष उपस्थिति में इन्दौर पुलिस के अधिकारीगण/कर्मचारीगण कार्यशाला में उपस्थित रहें।
कार्यशाला में एचडीएफसी बैंक की ओर से सुनील पंजवानी (ज़ोनल हेड-एमपी ज़ोन), अर्नव सूरी (ज़ोनल हेड-काॅरर्पोरेट सेलरी), प्रतीक शर्मा (ब्रांच बैकिंग हेड), आयुषी तिवारी (एरिया एक्यूएशन हेड-एमपी ज़ोन) के साथ में जिला इन्दौर के पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों ने साइबर सिक्यूरिटी एक्सपर्ट व कंसलटंट आईएएमएआई रक्षित टंडन से वर्तमान परिदृश्य में बढ़ते ऑनलाइन ट्रान्जेक्शन के कारण, सायबर अपराधियों द्वारा की जाने वाली ऑनलाइन ठगी व धोखाधड़ी की वारदातों की रोकथाम एवं इनसे बचने के लिए ध्यान में रखने वाली आवश्यक जानकारियां प्राप्त की एवं इनपर महत्वपूर्ण चर्चा की।
आईजी इन्दौर ज़ोन हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि सायबर क्राइम अब संगठित क्राइम बन चुका है, इस प्रकार के अपराधों को अंजाम देने के लिए गैंग दिन-प्रतिदिन नये-नये तरीके अपनाकर, लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। अतः पुलिस व बैंक बेहतर आपसी समन्वय व तालमेल के साथ काम करे तो, इन वित्तीय ऑनलाइन अपराधों पर बेहतर तरीके से नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्होने बैंक व पुलिस द्वारा मिलकर नई तकनीकों का उपयोग कर कार्य करने की आवश्यकताओं पर जोर दिया।
इस वेबिनार में साइबर सिक्यूरिटी एक्सपर्ट व कंसलटंट आईएएमएआई रक्षित टंडन ने सायबर अपराधों, बैकिंग व वित्तीय फ्राड के विभिन्न विषयों पर चर्चा की।, जिसमें प्रमुख रूप से वर्तमान परिवेश में बदलते हुए सायबर अपराध के स्वरूप, सायबर अपराध के प्रकार- जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म- फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप, यूट्यूब, स्काइप, ईमेल से संबंधित समस्त प्रकार के अपराध, बैकिंग फ्रॉड, यूपीआई आधारित फ्राॅड, विभिन्न वाॅलेट्स से होने वाले अपराध आदि के बारें में विस्तार से बताया। सायबर अपराधों की विवेचना के दौरान किस प्रकार से विभिन्न तकनीकों का उपयोग कर, Digital Evidence collection कर सकते है, इसके बारें में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी।
साथ ही हम अपने डाटा को कैसे सुरक्षित रख सकते है इस पर भी चर्चा करते हुए, उक्त धोखाधड़ी हेतु कानूनी प्रावधान एवं उनका नयी तकनीको का उपयोग कर बेहतर तालमेल से, इन ऑनलाईन अपराधों पर नियत्रंण हेतु की जाने वाली आवश्यक कार्यवाही के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां भी साझा की गयी।