इंदौर : सानंद के मंच पर देवी अहिल्या विवि के खंडवा रोड स्थित सभागार में लेखक और निर्देशक अद्वैत दादरकर के मराठी नाटक एका लग्नाची पुढची गोष्ट का मंचन शुक्रवार को किया गया। मराठी रंगमंच की एव्हरग्रीन जोडी अभिनेता प्रशांत दामले एवं अभिनेत्री कविता लाड मेढेकर की केमेस्ट्री और अभिनय सानंद के रसिक प्रेक्षक लंबे समय तक याद रखेंगे। मूल नाटक गुजराती में है, जिसे इम्तियाज पटेल ने लिखा है। मराठी में भावानुवाद और पटकथा लेखन अद्वैत दादरकर का हैं। उन्होंने नाटक के मूल भाव को बरकरार रखने में सफलता प्राप्त की है। नाटक गुदगुदाने के साथ ही विवाहित जोड़े के मिडल एज क्राइसिस को भी उठाता है। दरअसल सात फेरे लेने के बाद के कुछ वर्ष बेहद रूमानी होते हैं। पति पत्नी एक दूसरे का ध्यान रखते हैं और ऐसा लगता है कि ये रोमांस कभी खत्म नहीं होगा लेकिन जैसे-जैसे दंपत्ति मध्य उम्र यानी 40 वर्ष पार करते हैं, वैसे वैसे रोमांस खत्म होता जाता है और जिम्मेदारियों का अहसास बढ़ता जाता है। यहीं से समस्याएं और गलतफहमियां प्रारंभ होती हैं। नाटक के संवाद पूरे समय गुदगुदाते हैं। कलाकारों के अभिनय की टाइमिंग, उनकी भाव भंगिमा और ऊर्जा दर्शकों को बांधकर रखते हैं। इस कारण रोचकता पूरे समय बनी रहती है। पूरा नाटक प्रशांत दामले और कविता मेढेकर ने उठा रखा है। प्रशांत दामले की एंट्री पर दर्शक जिस तरह से तालियां बजाते हैं उससे जाहिर है कि उनकी लोकप्रियता मराठी रसिकों में कितनी अधिक है। यही वजह है कि कॉमेडी किंग प्रशांत दामले मराठी रंगमंच पर अपनी अभिनय शैली से अनेक वर्षों से दर्शकों के दिलों पर राज कर रहे हैं। प्रशांत दामले ने 12,500 प्रयोग करने का विश्वरिकॉर्ड बनाकर मराठी नाट्यसृष्टी का मान बढ़ाया है। इस नाटक में उतनी ही दमदारी और मोहकता से आपका साथ दिया है सुविख्यात अभिनेत्री कविता लाड-मेढेकर ने। संगीतकार अशोक पत्की के तीनों गीत बेहद श्रावणीय और रंजक हैं। नेपथ्य और प्रकाश योजना प्रभावी बन पड़े हैं। इसके लिए प्रदीप मुल्ये और किशोर इंगले को पूरे अंक मिलने चाहिए। कुल मिलाकर अद्वैत दादरकर का नाटक एका लग्नाची पुढची गोष्ट दर्शकों की कसौटी पर खरा उतरा।
ये था नाटक का कथानक :-
मनोज उर्फ मन्या एक टूरिज्म कंपनी में एग्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत है। उसके प्रोफेशन का दबाव और तनाव उसे घर में चिड़चिड़ा बना देता है। दूसरी ओर उसकी पत्नी मनीषा यानी मनी, जो की हाउस वाइफ है, चाहती है कि मन्या उसका ध्यान रखें, वैसा ही रोमांटिक व्यवहार करें जैसा युवावस्था में करता था। उसे बाहर घुमाने ले जाए। एक तरह से उसके नाज नखरे उठाएं। दूसरी और मन्या चाहता है कि घर में उसे स्पेस मिले। उसके आने के बाद घर में शांति हो और उसकी मन: स्थिति का ध्यान रखा जाए। दोनों पति-पत्नी 40 वर्ष की आयु पार कर चुके हैं। ऐसे में मिडिल एज की समस्याएं धीरे-धीरे घर करने लगती हैं। यहीं से दोनों में नोकझोंक प्रारंभ होती है जो रस्सी खेंच में बदलती जाती है। मन्या के चिड़चिड़े व्यवहार से मनी के मन में यह ख्याल आने लगता है कि उसका पति अब उससे पहले जैसा प्यार नहीं करता। मनी को एकाकीपन महसूस होता है। इस कारण वह इनसिक्योर और शंकालु हो जाती है। उसकी इस अवस्था को और अधिक जटिल बनाती है उसकी बहन मालती जो तलाकशुदा है। मालती बार-बार मनी को तलाक देने के लिए उकसाती है। यहीं से कहानी में ट्विस्ट आता है। नाटक का क्लाइमैक्स सुखांत है।इसलिए दर्शक जरा भी बोझिल महसूस नहीं करते। निर्देशक अद्वैत दादरकर ने प्रस्तुतीकरण तेज रखा है। इस कारण से दर्शक बंधे रहते हैं। मन्या का मित्र पुरु उसे रोमांटिक बनाए रखने में मदद करने की कोशिश करता है। नाटक वैवाहिक जीवन की अनेक समस्याओं को रोचकता और जिम्मेदारी के साथ उठाता है तथा समाधान भी सुझाता है।
कलाकार और पात्र परिचय –
मनोज उर्फ मन्या – प्रशांत दामले
मनीषा उर्फ मनी – कविता मेढेकर, पुरु -अतुल तोडणकर,
मालती – मृणाल चेंबूरकर,
कश्मीरा – प्रतीक्षा शिवणकर,
सहयोगी भूमिका – राजसिंह देशमुख और पराग डांगे।
निर्माता :, प्रशांत दामले फॅन फाऊंडेशन, गौरी थिएटर्स एवं सरगम।
लेखक और निर्देशक – अद्वैत दादरकर।संगीत-अशोक पत्की,
नेपथ्य-प्रदीप मुळये और प्रकाश योजना – किशोर इंगळे की थी।
सानंद न्यास के अध्यक्ष श्रीनिवास कुटुंबळे और मानद सचिव जयंत भिसे ने बताया कि नाटक ‘एका लग्नाची पुढची गोष्ट’ का मंचन शनिवार 13 मई को रामू भैय्या दाते समूह के लिये अपराह्न 4 बजे और राहुल बारपुते समूह के लिये शाम 7.30 बजे होगा। इसीतरह रविवार, 14 मई को वसंत समूह के लिए अपराह्न 4 बजे और बहार समूह के लिए शाम 7.30 बजे यह नाटक मंचित होगा।