सीधी : पत्रकार व प्रदर्शनकारियों के कपड़े उतरवाने के मामले में थाना प्रभारी व एसआई लाइन अटैच

  
Last Updated:  April 8, 2022 " 12:19 am"

सीधी : ऊपर चित्र में अर्धनग्न खड़े दिखाई दे रहे ये लोग कोई चोर, डाकू, लुटेरे या कुख्यात अपराधी नहीं है। ये एक नाट्य संस्था से जुड़े लोग हैं जो अपने एक साथी की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इनमें एक पत्रकार भी है, जो प्रदर्शन को कवर करने गया था।पुलिस कर्मी प्रदर्शनकारियों के साथ उक्त पत्रकार को भी थाने ले गए। कपड़े उतरवाकर उनका जुलूस निकाला गया और घंटों थाने में बंद कर उनकी पिटाई भी की गई। यही नही अर्धनग्न अवस्था में इनकी तस्वीरें खींचकर वायरल भी कर दी। इस पत्रकार का कुसूर इतना भर था कि इसने सत्ताधारी दल के विधायक के खिलाफ खबर लिखने और प्रसारित करने की हिमाकत कर दी।

ये है पूरा मामला।

दरअसल ये सभी पीड़ित मप्र के सीधी जिले से ताल्लुक रखते हैं। इन्हीं में एक हैं पत्रकार कनिष्क तिवारी। कहा जाता है कि उन्होंने सीधी के सत्तारूढ़ पार्टी के एक विधायक के खिलाफ खबरें अपने यू ट्यूब चैनल पर चलाई थीं। आठ प्रदर्शनकारी इंद्रावती नाट्य संस्था नामक समूह से जुड़े थे। इनके एक साथी नीरज को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसपर आरोप था कि वह बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला के पुत्र गुरुदत्त शरण के खिलाफ फर्जी नाम से सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहा था। उसी की रिहाई की मांग को लेकर इंद्रावती नाट्य संस्था से जुड़े कलाकार प्रदर्शन कर रहे थे। इस प्रदर्शन को कवर करने पत्रकार कनिष्क तिवारी भी मौके पर गया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के साथ पत्रकार कनिष्क तिवारी को भी गिरफ्तार कर लिया। उन्हें इस लिए पकड़ा गया कि वे समय- समय पर कई खबरें विधायक शुक्ला के खिलाफ चला चुके थे। इसलिए वे भी विधायक के निशाने पर थे। पत्रकार तिवारी सहित सभी नौ लोगों के कपड़े उतरवाकर सीधी पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित किया और उनके फ़ोटो वायरल कर दी।निर्लज्जता की हद तो तब हो गई जब एसएचओ ने कुतर्क देते हुए पुलिस के बर्ताव को सही ठहराने की कोशिश की।

थाना प्रभारी व एसआई लाइन अटैच।

सीधी में पत्रकार व प्रदर्शनकारियों के साथ इस पुलिसिया बर्ताव की तस्वीरें जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो हंगामा खड़ा हो गया। विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बनाकर शिवराज सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया, वहीं सोशल मीडिया पर भी लोगों ने पत्रकार के साथ पुलिस के इस अमानवीय बर्ताव की जमकर आलोचना की। मामला तूल पकड़ता देख शिवराज सरकार हरकत में आई। पुलिस मुख्यालय से समूचे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की गई और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। नतीजा ये हुआ कि एसपी मुकेश श्रीवास्तव ने सम्बन्धित थाने के प्रभारी मनीज सोनी और घटना में शामिल सब इन्स्पेक्टर को लाइन अटैच कर दिया। मामले की जांच एएसपी को सौंपी गई है, हालांकि लोग इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं।वे दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं।

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