शांति अभिषेक के साथ ब्रह्मोत्सव और रथयात्रा महोत्सव का समापन

  
Last Updated:  July 3, 2022 " 02:49 pm"

वर्ष भर सुख,समृद्धि और यदि कुछ गलतियां हुई उसकी क्षमा याचना की कामना से किया गया शांति अभिषेक।

औषधियों के जल से किया गया प्रभु वेंकटेश का शांति अभिषेक।

इंदौर : पावन सिद्ध धाम श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में चल रहे सात दिवसीय ब्रम्होत्सव एवं रथयात्रा महोत्सव का शांति अभिषेक के साथ समापन हुआ। दक्षिण भारत से पधारे श्री मन्नारायण भटर  स्वामियों के एक बड़े समुदाय द्वारा 2 जुलाई को रजत कलशों का संकल्प यजमान अशोक डागा परिवार द्वारा कर अभिषेक किया गया।अभिषेक में अनेक सुगंधित पदार्थों के अलावा मुख्य रूप से
ऊत्सव में ठाकुर जी द्वारा जो परिश्रम हुआ, उस परिश्रम से जो शारीरिक व्यथा हुई, उस व्यथा को शांत करने के लिए प्रभु वैंकटेश के दिव्य मंगल विग्रह का दिव्य औषधि तीर्थोदक, स्वर्णोदक, झरो दक जल से एवं दूध, दही, घी, शकर, इत्र, हल्दी, चंदन, अनेक फल के  रस और वृक्षों की मूल छाल पत्र के जल से 108 कलशों से महाभिषेक किया। श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य नागोरिया पीठाधिपति स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज द्वारा भी प्रभु वैंकटेश का शांति अभिषेक किया गया।
प्रभु को हल्दी लगाकर वनमाला धारण कराई गई। श्री सूक्त पुरुष सूक्त वेंकटेश स्तोत्र गुरु परंपरा के स्तोत्र पाठ किये गए।
वेंकटरमण गोविंदा श्री निवासा गोविंदा का कीर्तन लगातार किया गया। रजत पुष्प व तुलसी पुष्प से अर्चना भी की गई।

नागोरिया पीठाधिपति स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा भगवान का इतना बड़ा उत्सव होता है। प्रतिदिन भगवान निज मंदिर से गर्भ ग्रह से बाहर आकर भ्रमण करते हैं। उन चीजों की शुद्धि साथ इतने बड़े उत्सव में हमसे जो अपचार हो जाते है उनकी क्षमा हेतु  शांति अभिषेक किया जाता है।वर्तमान में भी प्रभु हम पर सदैव ऐसी कृपा करते रहे इस भाव पूर्ण निवेदन किया जाता है।

स्वर्ण खम्ब से उतारा गया गरुड़ ध्वज।

इसके पूर्व 1जुलाई को देवस्थान से निकली रथयात्रा नगर में भ्रमण करते हुए रात्रि में 1 30 बजे गोविंदा गोविंदा के कीर्तन ओर हनुमान चालीसा का पाठ करते भक्तों के साथ देवस्थान पहुंची। देवस्थान पहुचते ही जोरदार आतिशबाजी ओर पायरोस के साथ प्रभु का पुनः स्वागत किया गया। यात्रा पहुचने के बाद प्रभु की नजर उतारी गई। तड़के 3 बजे के करीब यज्ञ का समापन कर स्वर्ण खम्ब पर उत्सव के प्रारंभ में चढ़ाया गया गरुड़ ध्वज पूजन कर उतारा गया।उसके बाद ध्वज को 1 परिक्रमा कर भगवान गरुड़ को विदा किया गया।बाद में स्वामीजी ने सभी भक्तों कार्यकर्ताओं को आशीर्वाद प्रदान किया।

मीडिया प्रभारी पंकज तोतला ने बताया कि रवींद्र धुत,पवन व्यास,भरत तोतला, मनोज कुइया,आशीष लड्डा, ओमप्रकाश हेड़ा, मधुर लड्डा,ऋषि शर्मा,परीक्षित जाजू, अंकित पाठक,सचिन जोशी, रंगेश तिवारी,मौजूद थे।

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