राग आधारित बंदिशें पेश कर की गुरु की वंदना।
इंदौर : पंचम निषाद संगीत संस्थान के शिष्य वृंद ने अपनी गुरु शोभा चौधरी को विभिन्न रागों पर आधारित प्रस्तुतियां देते हुए आदरंजलि पेश की। गुरुपूर्णिमा उत्सव के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन अभिनव कला समाज के सभागार में किया गया था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के बतौर वरिष्ठ गायक शशिकांत तांबे और विशेष अतिथि के रूप में कत्थक नृत्यांगना जयश्री तांबे, शास्त्रीय गायिका सुवर्णा वाड एवं कवि प्रो. राजीव शर्मा मौजूद रहे।
125 शिष्यों ने शास्त्रीय गायन के जरिए की गुरु वंदना।
कार्यक्रम मे पंचम निषाद के लगभग 125 शिष्यों ने समूह में शास्त्रीय रागों पर आधारित बंदिशें पेश कर अपनी गुरु शोभा चौधरी की वंदना की। शिष्यों ने राग भूपाली, दुर्गा, देस, छायानट, भीमपलासी, केदार, बिहाग, शुध्द कल्याण, मियां मल्हार, विलासखानी तोडी, देवगिरी बिलावल, शुध्द सारंग आदि रागों मे छोटे ख्याल एवं बडे ख्याल विस्तार के साथ सुनाए। उन्होंने सुरीले अंदाज में भजन भी पेश किए। गिटार, सिंथेसाइजर एवं तबले पर भी उन्होंने अपने हुनर की खूबसूरत बानगी पेश की।
शॉल – श्रीफल भेंट कर किया गुरु शोभा चौधरी का सम्मान।
इस मौके पर पंचम निषाद के संगीत साधकों ने शॉल – श्रीफल भेंट कर अपनी गुरु मां श्रीमती शोभा चौधरी को सम्मानित किया।पंचम निषाद के सभी गुरुओं(मीनल मोडक , स्मिता बिरारी, धवल परिहार, कृष्ण कांत परिहार, मुकेश रासगया, योगेश्वर कान्हेरे)का भी सम्मान किया गया।
अपने विद्यार्थियों की प्रस्तुति के बाद श्रीमती शोभा चौधरी ने राग मधुवंती में स्वरचित, और प्रासंगिक बंदिश पेश की। उसके बाद पंडित सी.आर.व्यास की एक बंदिश भी प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत मीनल मोडक, कृष्णकांत परिहार धवल परिहार ने किया। कार्यक्रम का संचालन “कृतिका मुले और उज्जवला जोशी” ने किया आभार बि उज्जवला जोशी ने माना।