जीवन की सार्थकता सदकर्मों की निरंतरता में है- साध्वी कृष्णानंद

  
Last Updated:  December 26, 2019 " 08:36 am"

इंदौर : मानव जीवन की सार्थकता लम्बा जीवन जीने में नहीं बल्कि सदकर्मों की निरंतरता में है। जीवन की लम्बाई नहीं गहराई महत्वपूर्ण होती है। हमारे रास्ते अलग- अलग हो सकते हैं लेकिन मंजिल एक है। ये विचार साध्वी कृष्णानंद ने व्यक्त किये। वे सांवेर रोड स्थित धरावरा धाम परिसर में चल रहे भागवत ज्ञानयज्ञ में भक्तमाल कथा के तहत गोरा कुम्हार प्रसंग की व्याख्या करते हुए बोल रहीं थीं।
कथा प्रारंभ होने के पूर्व काशी के महामंडलेश्वर सोमेश्वर यति महाराज के सान्निध्य में प्रेमचंद गोयल, राधेश्याम शर्मा, सुभाष गोयल, गिरधारीलाल गर्ग, महेश चायवाले, गोविन्द अग्रवाल, श्याम आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया।
संयोजक मीरा- सुभाष गोयल ने बताया कि विश्वनाथ धाम परिसर में प्रतिदिन दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के विविध प्रसंगों पर साध्वी कृष्णानंद अपने विचार रखेंगी। 30 दिसंबर तक ये सिलसिला जारी रहेगा।

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