इंदौर : प्रदेश सरकार गरीबों, आम लोगों, किसानों व जन जन के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। ऊर्जा विभाग की पहली प्राथमिकता क्वालिटी पावर सप्लाय है, इस पर लाइनमैन से लेकर ऊर्जामंत्री तक को ध्यान देना होगा। सतत स्थिति में सुधार करना होगा। गांवों में मीटरीकरण पर ज्यादा ध्यान देना होगा, जहां से भी शिकायते मिलती है, वहां समय पर कार्रवाई करना होगी, इसी से उपभोक्ता व आमजन संतुष्ट रहेगा, विभाग की छवि में निखार आएगा।
प्रदेश के ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह बात कही। वे मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ट्रिपिंग में कमी लाई जाए, ट्रांसफार्मरों का फेल रेट घटाया जाए, क्वालिटी सप्लाय हो, ताकि शिकायतों की संख्या घटे, इंदौर और उज्जैन का प्रति यूनिट नकद राजस्व संग्रहण (सीआरपीयू) बढ़ाया जाए। ऊर्जामंत्री ने कहा कि देपालपुर के अलवासा, खेड़ी खंडवा, टकरावदा उज्जैन, जसंदी बुरहानपुर आदि में कृषि फीडरों में सुधार की तुरंत जरूरत है। ऊर्जामंत्री ने कहा कि जहां भी ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने की स्थिति मिलती है, वहां तुरंत परीक्षण कर क्षमता बढ़ाना चाहिए, नहीं तो ट्रिपिंग, यूनिट लास एवं उपभोक्ता शिकायतें बढ़ेगी, नुकसान बिजली कंपनी का ही होगा। उन्होंने कहा कि शीतकाल एवं कोराना नियंत्रण के बाद वे जन चौपाल लगाकर उपभोक्ताओं, आमजनों की समस्याएं सुनेंगे, मौके पर निराकरण कराएंगे। ऊर्जामंत्री ने इंदौर के बाहर के सभी अधीक्षण यंत्रियों से वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए बात की व आउट सोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन दिलाने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो आउट सोर्स कंपनी समय पर वेतन नहीं दे रही है, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। जिन गांवों में पहले मीटरीकरण हुआ है, वहां मीटर रीडिंग के ही बिल जारी हो, यदि नहीं तो मामले की जांच कराए।
हेल्प डेस्क के मामले जल्द सुलझाएं।
ऊर्जामंत्री ने निर्देश दिए कि भोपाल में ऊर्जामंत्री हेल्प डेस्क पर जो भी शिकायतें आती है। उनका जल्दी निराकरण कराया जाए, ताकि आमजन को राहत मिल सके। हेल्प डेस्क पर पश्चिम क्षेत्र की नौ माह में 9 सौ शिकायतें पहुंची थी, जिनका समाधान हुआ है। जारी माह जनवरी में दर्ज शिकायतों के तेजी से समाधान के निर्देश दिए गए।
पश्चिम क्षेत्र की स्थिति बेहतर।
मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने इस मौके पर कहा कि एक वर्ष में ट्रांसफार्मर का फेल रेट दस फीसदी घटा है। यह पहले 4.62 फीसदी था, अब 4.10 फीसदी है। उन्होंने लाइन लास घटाने, राजस्व बढ़ाने, शिकायतों के तेजी से समाधान और अन्य कार्यों मे मिली सफलता की जानकारी दी। ऊर्जामंत्री ने कहा कि पश्चिम क्षेत्र की स्थिति अन्य से बेहतर है। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक रिंकेश कुमार वैश्य, वरिष्ठ अधिकारीगण मनोज झंवर, संजय मोहासे, गजरा मेहता, एसएल करवाड़िया, कैलाश शिवा, पुनीत दुबे, शहर अधीक्षण यंत्री मनोज शर्मा, ग्रामीण अधीक्षण यंत्री डीएन शर्मा आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।