विधायक जीतू पटवारी ने 225 घोटालों का किया जिक्र।
शिवराज सरकार को बताया कमीशनखोरी की सरकार।
फर्जी पत्र मामले पर जवाब देने से बचते रहे पटवारी।
इंदौर : फर्जी पत्र को सोशल मीडिया पर वायरल कर बीजेपी सरकार को बदनाम करने के आरोप में प्रियंका गांधी, कमलनाथ और अरुण यादव सहित अन्य पर एफआईआर दर्ज होने से कांग्रेसियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। प्रदेश भर में कांग्रेस नेताओं ने प्रेस वार्ताएं लेने के साथ प्रदर्शन और पोस्टर चस्पा कर बीजेपी की शिवराज सरकार को 50 फीसदी कमीशन खाने वाली सरकार बताया। इंदौर में विधायक जीतू पटवारी ने शिवराज सरकार पर तीखे हमले किए।
225 घोटाले, कमीशनखोरी के प्रमाण।
जीतू पटवारी ने दावा किया कि शिवराज सरकार के 18 साल के कार्यकाल में 225 घोटाले हुए हैं। इनकी सूची भी वे विधानसभा में रख चुके हैं। उन्होंने कहा कि डंपर घोटाला, पोषण आहार घोटाला, व्यापम, पटवारी, कृषि विस्तार अधिकारी भर्ती, आयुष्मान सहित ऐसे तमाम घोटाले हैं, जो साबित करते हैं की शिवराज सरकार 50 फीसदी घोटाले की सरकार है।
नितिन गडकरी और पीएम मोदी पर करें एफआईआर।
पटवारी ने दावा किया कि एनसीआरबी की रिपोर्ट में मप्र में भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई है। इसी तरह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले दिनों पत्र लिखकर मप्र में परिवहन विभाग में भरी भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया था तो पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर भी एफआईआर होनी चाहिए।
50 फीसदी कमीशन की सरकार, शिवराज सरकार।
विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज सरकार ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ एफआईआर करवाकर अपने भ्रष्टाचार पर मुहर लगा ली है। अब कांग्रेस सार्वजनिक रूप से और घर – घर जाकर 50 फीसदी कमीशन की सरकार – शिवराज सरकार संबंधी पोस्टर लगाओ अभियान चलाएगी।
ज्ञानेंद्र अवस्थी को नहीं जानते।
कथित रूप से ज्ञानेंद्र अवस्थी नामक उप ठेकेदार द्वारा मुख्य न्यायाधीश को 50 फीसदी कमीशनखोरी को लेकर लिखे जिस पत्र को लेकर ये सारा बखेड़ा खड़ा हुआ, प्रारंभिक जांच में वह पत्र ही फर्जी साबित हुआ। न तो इस नाम का कोई व्यक्ति सामने आया और न ही जिस संगठन के लेटर पैड पर शिकायत की गई, उसका कोई अस्तित्व होना पाया गया। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने बिना उसकी सत्यता परखे उस लेटर को अपने ट्वीट के साथ नत्थी कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। अब तमाम कांग्रेसी नेता उक्त पत्र की बात ही नहीं कर रहे हैं।विधायक पटवारी ने भी माना की वे किसी ज्ञानेंद्र अवस्थी को नहीं जानते। वे अन्य मामलों का जिक्र कर शिवराज सरकार को कमीशनखोरी की सरकार साबित करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि ये बात सही है की पत्र फर्जी होने की पोल खुलने के बाद बैकफुट पर आई कांग्रेस को,उसके शीर्ष नेताओं पर एफआईआर दर्ज किए जाने से पुनः बीजेपी सरकार पर हमलावर होने का मौका मिल गया है।