सेवा अभियान के तहत लगाया गया रक्तदान शिविर- लालवानी

  
Last Updated:  May 29, 2021 " 07:16 pm"

इंदौर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सात साल पूरे होने और दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने के अवसर पर सांसद शंकर लालवानी ने रक्‍तदान शिविर का आयोजन किया। सांसद के पलासिया स्थित निवास पर आयोजित इस शिविर में कई लोगों ने रक्‍तदान किया। इस दौरान सांसद सेवा संकल्‍प के माध्‍यम से शंकर लालवानी ने कोविड महामारीं में माता-पिता को खो चुके बच्‍चों को नि:शुल्‍क एजुकेशन देने का भी बीड़ा उठाया। जरुरतमंदों को राशन बांटने, ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर उपलब्‍ध करवाने समेत कई महत्‍वपूर्ण सेवा के काम भी सांसद लालवानी कर रहे हैं।

सेवा कार्यो का विशेष अभियान।

इस अवसर पर सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सात साल पूर्ण होने पर ‘सेवा ही संगठन’ मूलमंत्र के माध्‍यम से देशभर में सेवा कार्यों का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत इंदौर में रक्‍तदान शिविर का आयोजन किया गया। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि कोरोना के कठिन समय में रक्‍तदान करने वालों की संख्‍या घटी है, ऐसे में थैलेसीमिया समेत कई रोगों के उपचार में रक्‍त की कमी पड़ रही है। इसलिए रक्‍तदान शिविर लगाया गया।

वर्ष के अंत तक सभी का हो जाएगा टीकाकरण।

सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इस साल के आखिर तक देश में वैक्‍सीनेशन का काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भारत के इतिहास की सबसे बड़ी चुनौती है और उनकी अगुवाई में पूरा देश कोरोना की कठिन लड़ाई से सफलतापूर्वक लड़ रहा है। लालवानी ने कहा कि 130 करोड़ से ज्‍यादा लोगों के लिए टीकाकरण की मुहिम आसान काम नहीं है। यह मानव इतिहास के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम में से एक है।

सांसद लालवानी ने कोविड की दूसरी लहर में केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कार्यों का लेखा- जोखा भी पेश किया।

नौ महीने के अल्प समय में दो वैक्सीन कोविशील्ड तथा कोवाक्सिन विकसित की गई और जनवरी 2021 में टीकाकरण शुरू हो गया।

अप्रैल 2021 में तीसरी वैक्सीन Sputnik V भी पास हो गई।

कोवाक्सिन को अब बच्चों पर भी टेस्ट किया जा रहा है। परीक्षण के बाद सितम्बर – अक्टूबर से बच्चों को भी टीका लगाया जा सकेगा।

वैक्सीन का उत्पादन बढ़ रहा है।

पांच कंपनियों को कोवाक्सिन बनाने के लिए लाइसेंस दिया गया है।

सात कम्पनियां Sputnik V वैक्सीन बनाएंगी।

सीरम इंस्टिट्यूट सितम्बर से अपना उत्पादन 6 करोड़ से बढाकर 11 करोड़ कर रही है।

भारत बायोटेक जुलाई तक अपना उत्पादन 1 करोड़ 70 लाख से बढ़ाकर साढ़े सात करोड़ कर रही है। अक्टूबर तक उसका उत्पादन बढ़कर 10 करोड़ हो जाएगा। कुल मिलाकर जून में वैक्सीन का उत्पादन बढकर 10 करोड़, जुलाई में 17 करोड़, अगस्त में 19 करोड़ और सितम्बर से 40 करोड़ हो जाएगा। दिसंबर तक हम 50 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन का उत्पादन कर पाएंगे। साल के अंत तक हम टीकाकरण का कार्य पूरा कर लेंगे।

ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ी है।

2020 में ऑक्सीजन का उत्पादन 5700 मीट्रिक टन प्रतिदिन था। आज यह बढ़कर लगभग दोगुना 9446 मीट्रिक टन हो गया है।

हमारी मुख्य बाधा टैंकरों, containers, cylinders और भण्डारण टैंकों की कमी थी । जिनकी इमरजेंसी खरीद कर ली गई है।

भविष्य की जरूरतों को देखते हुए हम 2000 से भी ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट लगा रहे हैं।

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